नई सरकार इस साल प्रॉपर्टी के दाम में ज्यादा फेरबदल करने के मूड में नहीं
भोपाल
प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता का परिवर्तन हुआ है। अब कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रदेश में जमीनों के रेट तय करने को लेकर पंजीयन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। हालांकि राजधानीवासियों के लिए अच्छी खबर है, इस साल राजधानी में जमीनों के रेट नहीं बढ़ेंगे। नई सरकार ने अपने वचन पत्र में कहा था कि तीन साल में एक बार ही कलेक्टर गाइडलाइन तय की जाएगी। इस पर काम शुरू हो गया है।
सूत्रों के अनुसार नई सरकार इस बार प्रॉपर्टी के दाम में ज्यादा फेरबदल करने के मूड में नहीं है। लिहाजा इस बार कलेक्टर गाइडलाइन के नियमों के अनुसार पालन तो किया जाएगा, लेकिन दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। इसके पीछे तर्क है कि कलेक्टर गाइडलाइन में भोपाल जिले में खूब जमीनों के रेट बढ़ें हैं, इसके कारण प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में कमी आई है। राजधानी में बीते कुछ सालों में जमीनों के बेतहाशा रेट बढ़ने के कारण जमीन का छोटा सा टुकड़ा लेने के लिए भी आम आदमी की सोचना पड़ता है। अब सरकार इसे स्थिर करने की योजना बना रही है।
जिला प्रशासन का पिछले साल दावा था कि जिले में जमीनों के रेट स्थिर रहेंगे। इसके बाद भी नई कलेक्टर गाइडलाइन 2018-16 बनाने के बाद मिसरोद और बावड़िया कलां के आसपास करीब एक दर्जन कॉलोनियों में विसंगतियों को दूर करने के नाम पर 15 फीसदी रेट बढ़ाए गए हैं। जमीनों के रेट बढ़ने के कारण अब यहां पर बने 2000 से अधिक फ्लैटों के रेट में बढ़ गए थे। यहीं नहीं जिला प्रशासन बीते छह साल से लगातार कलेक्टर गाइडलाइन के दाम बढ़ा रहा है।
अप्रैल-मई महीने में लोकसभा चुनाव संभावित है। महानिरीक्षक पंजीयन दफ्तर से भी अब तक दो सर्कुलर जारी किए जा चुके हैं। सभी कलेक्टर को अपने स्तर पर गाइडलाइन को लेकर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके कारण जिला प्रशासन इस बार आचार संहिता लगने के पहले ही कलेक्टर गाइडलाइन 2019-20 तय करने के मूड में है। इस कारण से अभी से ही जिला प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन का दावा है कि जिला मूल्यांकन समिति मार्च के दूसरे सप्ताह तक जिले की कलेक्टर गाइडलाइन 2019-20 तय करके केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेज दिए जाएंगे। यदि ऐसा नहीं हो पाया, तो फिर कलेक्टर गाइडलाइन का काम जून महीने में ही फाइनल हो पाएगा।