नवजात शिशुओं में तेज़ी से सांस लेना सामान्य है या नहीं?

नवजात शिशुओं में तेज़ी से सांस लेना सामान्य है या नहीं?


क्या आपका बच्चा तेज़ और जल्दी जल्दी सांस लेता है? अगर हां, तो आपके मन में इसे लेकर ढेरों सवाल उठ रहे होंगे। साथ ही आप इस वजह से परेशान भी रहते होंगे। आपका ऐसा करना एकदम स्वाभाविक है।

नवजात शिशु की देखभाल करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। ख़ास तौर पर तब जब आप पहली बार माता पिता बने होते हैं। कई बार कुछ ऐसी चीज़ें होती हैं जो आपको परेशान कर देती हैं, इन्हीं में से एक है बच्चे की सांस से जुड़ी समस्या।


अपने बच्चे के सांस लेने की गति पर गौर करना ज़रूरी भी है। दरअसल नवजात शिशु के सांस लेने का तरीका बड़े बच्चों और वयस्कों से एकदम अलग होता है। नवजात शिशु तेज़ी से सांस लेते हैं जो कहीं न कहीं आपकी चिंता का विषय बन जाता है।

नवजात शिशु के फेफड़े छोटे होते हैं शायद यही वजह है कि उनकी श्वसन दर ऊंची रहती है। जैसे जैसे वे बड़े होते हैं उनके फेफड़ों का भी विकास होने लगता है जिससे उनकी क्षमता भी बढ़ती है।

क्या है सामान्य?
शिशुओं (6 महीने तक के) में सामान्य श्वसन दर 30-60 बी पी एम(बीट्स पर मिनट) होता है। जब बच्चा 6 महीने के ऊपर का हो जाता है तो यह दर 24-40 बी पी एम के आस पास हो जाती है। 1 से 5 साल तक के बच्चों में यह दर 20-30 बी पी एम के आस पास होती है। 6 साल तक के बच्चों में 12-20 बी पी एम तो किशोरावस्था में यह दर आमतौर पर 12-16 बी पी एम हो जाती है।

कैसे करें शिशु के हार्ट रेट की जांच?
अपने शिशु के हार्ट रेट की जांच करने के लिए आप अपने फैमिली डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। यदि आप श्वसन दर चेक करना चाहते हैं तो फिर आप श्वसन दर को कुल तीस सेकंड तक गिने फिर इसे डबल करें ताकि आपको मिनट के हिसाब से सही संख्या का पता चल सके। वहीं दूसरी ओर यदि आपके बच्चे का श्वसन पैटर्न अनियमित है तो आप श्वसन दर की सही गिनती नहीं कर सकते। बेहतर होगा आप अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।

कैसे गिनती करें?
इस बात पर गौर करें कि पूरे एक मिनट में कितनी बार आपके शिशु की छाती उठ रही है। यदि ऐसे आपको कुछ न समझ आए तो हल्के से अपने हाथ को बच्चे की छाती पर रखें ताकि आप यह जान सकें कि आपका बच्चा कितनी बार सांस ले रहा है।

एक मिनट में बच्चा कितनी बार सांस ले रहा है इससे आप उसके श्वसन दर का पता लगा सकते हैं। ध्यान रहे कहीं आपके हाथ के कारण बच्चे को सांस लेने में तकलीफ न हो।

कब जांच करें?
यदि बच्चे का जन्म घर ही होता है तो ऐसे में 5 से 6 घंटो के बाद जांच करना ज़रूरी होता है। बच्चे का जन्म अगर अस्पताल में होता है तो डॉक्टर खुद ही इसकी जांच करेंगे। अगर आप अपने बच्चे के श्वसन दर को लेकर चिंतित रहते हैं तो बेहतर यही होगा कि आप डॉक्टर से सलाह लें और बच्चे की सही जांच करवाएं। आमतौर पर बच्चा जन्म लेने के बाद बाहरी दुनिया में एडजस्ट होने के लिए कुछ समय लेता ही है। ये उसी प्रक्रिया का हिस्सा भी हो सकता है।