पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यस्था का सपना ऐसे होगा साकार

पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यस्था का सपना ऐसे होगा साकार

नई दिल्ली

आर्थिक समीक्षा, बजट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में इस समय पांच ट्रिलियन डॉलर (5,000 अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था की चर्चा छाई हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था कैसे बनाई जा सकती है के बारे में भी बताया। आइए जानते हैं कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को पांच साल में कैसे साकार किया जा सकता है।

8 फीसदी की विकास दर
पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए हमें विकास दर को बढ़ाना होगा
साथ ही आठ फीसदी की विकास दर हासिल करनी होगी और इसे बरकार रखना होगा
इस लक्ष्य को पाने के लिए हर क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर जोर देना की जरूरत पड़ेगी
निवेश प्रमुख चालक है जो मांग को चलाता है, क्षमता बनाता है, श्रम उत्पादकता बढ़ाता है और रोजगार पैदा करता है

एनपीए को कम करना होगा
एनपीए में गिरावट आने का भी फायदा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगा
मार्च 2018 और दिसंबर 2018 के बीच वाणिज्यिक बैंकों का एनपीए 11.5 फीसदी से घटकर 10.1 फीसदी रह गया है
इसमें और गिरावट का फायदा सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था में देखने को मिलेगा

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रुपया, डॉलर विनिमय दर अहम 
पांच ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए रुपया और डॉलर की विनिमय दर को भी नियंत्रण में रखना होगा
अगर आने वाले समय में रुपये का मूल्य घटता है तो डॉलर के संदर्भ में यह भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालेगा
लेकिन अगर डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होता है तो इससे इस लक्ष्य तक पहुंचना आसान हो जाएगा

इन क्षेत्रों और योजनाओं पर फोकस
देश को अगले पांच साल में 5 त्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उन क्षेत्रों का चयन कर लिया गया है, जिनमें संसाधन झोंके जाएंगे
चुनिंदा क्षेत्रों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नियमों को सरल बनाने के प्रस्तावों से अधिक विदेशी पूंजी प्रवाह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी
सरकार ने बजट में विमानन, बीमा, एनिमेशन एवं मीडिया और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों को सरल करने का प्रस्ताव किया है
गांव में उपज के भंडारण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरों में आधुनिक सुविधाओं के निर्माण के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं

पांच सालों में हाईवे, रेलवे, एयरवेज, वॉटरवेज, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, गांव में ब्रॉड बैंड की सुविधा को 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा
इसके साथ ही स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, सुंदर भारत बनाने पर भी फोकस कर रहे हैं।

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...तो तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
2024-25 तक पांच ट्रिलियन डॉलर होते ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
21 ट्रिलियन डॉलर के साथ वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है
14 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है
5 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान है
2.9 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की है

इसलिए उम्मीद बढ़ी
एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में देश को 55 साल लगे हैं
गत पांच सालों में ही अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ दिए गए
 इसलिए सरकार का लक्ष्य पाने की दिशा में हौसला बुलंद है
पांच साल पहले अर्थव्यवस्था का आकार 1.8 ट्रिलियन डॉलर था, जो अब 2.9 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है

महंगाई बड़ी बाधा 
महंगाई दर लक्ष्य की राह में सबसे बड़ी बाधा है। महंगाई दर बढ़ने का का अर्थ है कि वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे। महंगाई दर में बढ़ोतरी के साथ रुपये की क्रय शक्ति घटेगी, जिससे खपत घटेगी और विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ेगा, जिससे लक्ष्य अपनी राह से भटक सकता है।