ब्रजेश ठाकुर के होटल समेत 12 अचल संपत्तियां जब्त

 ब्रजेश ठाकुर के होटल समेत 12 अचल संपत्तियां जब्त

 मुजफ्फरपुर 
मुजफ्फरपुर के बहुचर्चित बालिका गृहकांड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। बालिका गृहकांड के किंगपिन ब्रजेश ठाकुर के होटल समेत 12 अचल संपत्तियों को जब्त किया है। साथ ही उक्त भवनों पर राजसात करने का पर्चा भी चिपकाया है। ईडी की छह सदस्यीय टीम ने उक्त कार्रवाई की। इस दौरान मुशहरी सीओ नागेंद्र कुमार भी मौजूद थे। पूरी कार्रवाई करीब चार घंटे चली।

दोपहर दो बजे प्रर्वतन निदेशालय की टीम मुशहरी प्रखंड कार्यालय पहुंची। वहां से मुशहरी सीओ के साथ शहर के नगर थाना के साहू रोड स्थित बालिका गृह भवन परिसर पहुंची। उसके मेनगेट पर तीन अलग-अलग अचल संपत्ति को राजसात किया। साथ ही इस संबंध में पर्चा भी चिपकाया। इसके बाद टीम ने साहू रोड स्थित आरएन पैलेस होटल को राजसात किया। राजसात के मामले पर ब्रजेश ठाकुर परिजनों से बयान के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उनके मौजूद नहीं होने से उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। 

स्वाधार गृह को भी किया राजसात
बालिका गृह भवन और होटल की राजसात की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ईडी की टीम ने साहू रोड में भारत माता लेन स्थित स्वाधार गृह के मकान को राजसात किया। वहां भी पर्चा चिपकाया। इसके बाद टीम नगर थाना के जवारलाल रोड और मिठनपुरा थाना के रामबाग स्थित एक-एक अचल प्रॉपर्टी को राजसात किया। बताया जाता है कि टीम ने मंगलवार को मुशहरी, कुढ़नी और सकरा प्रखंड स्थित करीब 12 अचल संपति को कब्जे में लिया। राजसात की प्रक्रिया की। 

नहीं दिखे ब्रजेश के परिजन
राजसात की बड़ी कार्रवाई शहर में चर्चा का विषय बनी रही। इस प्रक्रिया के दौरान ईडी को आशंका थी कि ब्रजेश ठाकुर के परिजन और समर्थक हंगामा या प्रक्रिया का विरोध कर सकते हैं, लेकिन प्रक्रिया के दौरान ऐसा नहीं हुआ। इस दौरान ब्रजेश ठाकुर के परिजन तो दूर मोहल्ला के लोग भी नहीं दिखे। 

सकरा में दंडाधिकारी करते रहे इंजतार
ब्रजेश ठाकुर के पैतृक गांव सकरा थाना के पचदही में भी संपत्ति जब्ती को लेकर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई थी, लेकिन सुबह से लेकर देर शाम छह बजे तक सकरा ईडी की टीम नहीं पहुंच सकी। दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी पचदही ग्राम कचहरी में पूरे दिन इंतजार करने के बाद अपने प्रखंड मुख्यालय लौट गए। इधर, शहर के नगर थाने में भी थानेदार ओमप्रकाश ईडी की टीम के आने का इंतजार करते रहे, जबकि ईडी अपनी कार्रवाई करके चली गई।