20 वर्षों से कैद भगवान राम की याचिका पर अब 6 हफ्ते बाद होगी सुनवाई
रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के चंदखुरी ग्राम स्थित मंदिर के अंदर 20 वर्षों से कैद भगवान राम की याचिका पर बीते मंगलवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ शासन, सांसद रमेश बैस के परिजन, संस्कृति विभाग और अन्य का जवाब प्रस्तुत हुआ. वहीं मामले में याचिकाकर्ता को कोर्ट ने 6 सप्ताह में रिज्वाइंडर (जवाब) पेश करने का समय दिया है.
बता दें कि जमीन पर अपना-अपना दावा ठोक रहे कुछ रसूखदार परिवार, जिनमें सांसद रमेश बैस के परिवार ने मंदिर का कपाट ही बंद करवा दिया. यहां करीब 20 साल पहले ताला जड़ दिया गया. इसके बाद से मुख्यद्वार कभी नहीं खुला. कोशिश भी हुई, लेकिन मामला सुलझने के बजाय उलझ गया.
रायपुर के पास चंदखुरी ग्राम में भगवान राम और माता कौसल्या का एक मंदिर है. चंदखुरी ग्राम निवासी अमर वर्मा जो भगवान राम के उपासक हैं, उन्होंने भगवान राम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि वर्चस्व की लड़ाई के कारण भगवान राम को मंदिर में कैद कर ताला जड़ दिया गया है.
लिहाजा, करीब 20 वर्षों से भगवान राम अपनी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं. भगवान राम को कैद से मुक्त कराने को लेकर कई बार कई जगह निवेदन किया गया, लेकिन मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में सुनवाई नहीं होने पर भगवान राम के उपासक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर अगली सुनवाई अब 6 हफ्ते के बाद होगी.