2019 से पहले जड़े मजबूत करने में जुटे शिवपाल, जनाक्रोश रैली के जरिए दिखाएंगे दमखम

2019 से पहले जड़े मजबूत करने में जुटे शिवपाल, जनाक्रोश रैली के जरिए दिखाएंगे दमखम

लखनऊ
समाजवादी पार्टी (सपा) के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत आधार देने वाले शिवपाल सिंह यादव ने अपनी नई पार्टी (प्रगितशील समाजवादी पार्टी लोहिया) बना ली है। रविवार को रमाबाई अंबेडकर मैदान में जनाक्रोश रैली के जरिए शिवपाल अपने दमखम का इजहार करेंगे। भतीजे अखिलेश यादव से अनबन के चलते सपा से दूरी बना चुके शिवपाल रैली के जरिए विरोधियों को ना सिर्फ अपनी ताकत का अहसास कराएंगे बल्कि अपने नए नवेले दल को लोकसभा चुनाव के लिए तैयार करेंगे। शिवपाल की रैली को लेकर समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।

रैली को ऐतिहासिक बनाने को लेकर पोस्टरों और बैनरों से लखनऊ के चौराहे पटे हुए हैं। दिलचस्प है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तस्वीर को ज्यादातर बैनरों पोस्टरों पर जगह नहीं दी गई है जबकि शिवपाल अपनी लगभग हर सभा में ‘मुलायम’ को पार्टी का सर्वेसर्वा बताने का दावा करते रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जनाक्रोश रैली शिवपाल की नई पार्टी के लिए ना सिर्फ मील का पत्थर साबित होगी बल्कि उन ताकतों के लिए भी चेतावनी होगी जिन्होंने पिछले डेढ़ साल के दौरान शिवपाल को हतोत्साहित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। रैली में शिवपाल के बड़े भाई और सपा संरक्षक मुलायम के भाग लेने की संभावना अतिक्षीण है मगर राजनीतिक बिसात के धुरंधर मुलायम के बारे में अतिश्योक्ति से इंकार नहीं किया जा सकता।

बालीवुड फिल्म सत्ते पे सत्ता के गीत की पंक्तियां ‘हैं तैयार हम’ को रैली के एक प्रमुख स्लोगन के तौर पर शामिल किया गया है। शिवपाल को जननायक के तौर पर दिखाने का प्रयास कर रहे ज्यादातर पोस्टरों में विभिन्न स्लोगनों के जरिए समर्थकों का उत्साहवर्धन किया गया है। सूत्रों के अनुसार शिवपाल के लिए यह रैली प्रतिष्ठा का सवाल है। उनके समर्थक खासे उत्साहित हैं। ‘‘ चाचा तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं ’’ जैसे नारे उसी दिन से लगने लगे थे जब शिवपाल ने सपा से अलग राह चुनते हुए समाजवादी सेकुलर मोर्चा का गठन किया था। पोस्टरों में शिवपाल के चित्र के साथ खड़ी भीड़ को दर्शाते हुए लिखा है ‘नहीं अकेले हैं शिवपाल।’ उन्होंने बताया कि शिवपाल के नए दल में सपा के कई असंतुष्ट नेता और कार्यकर्ता है जिन्होंने सपा में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिवपाल की पार्टी से खुद को जोड़ा है। संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले शिवपाल का साथ देने वाले ऐसे कार्यकर्ता पार्टी की मजबूती के रात दिन एक किए हुए हैं।