25 साल से इस सीट को जीतने वाली पार्टी ही प्रदेश में कर रही है राज..
बैतूल
मध्य प्रदेश के बैतूल में एक मिथक पिछले 25 सालों से कायम है. मिथक ये है कि जिस पार्टी का प्रत्याशी बैतूल विधानसभा का चुनाव जीत लेता है, प्रदेश में भी उसी पार्टी की सरकार बनती है. ऐसे में लोगों को एक बार फिर चुनाव के नतीजों का इंतजार है.
मिथक की शुरुआत होती है साल 1993 से जब कांग्रेस पार्टी के अशोक साबले बैतूल विधानसभा से विधायक बने. तब प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार बनी थी. 1998 में कांग्रेस के विनोद डागा बैतूल विधायक बने तब एक बार फिर सूबे में दिग्विजय सरकार बनी. साल 2003 में भाजपा के शिवप्रसाद राठौर बैतूल विधायक बने और इस साल प्रदेश में उमा भारती के अगुवाई में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी. साल 2008 में भाजपा के अल्केश आर्य और साल 2013 में भाजपा के हेमंत विजय खंडेलवाल बैतूल विधानसभा से विधायक बने और दोनों ही बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी.
इस बार कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. एक्जिट पोल भी एकमत नहीं हैं. बैतूल विधानसभा में इस बार बीजेपी से बगावत करने वाली लता महस्की ने सपाक्स से चुनाव लड़कर बीजेपी प्रत्याशी हेमंत विजय खंडेलवाल का चुनावी गणित प्रभावित किया है. ऐसे में ये मिथक टूटेगा या फिर कायम रहेगा इस पर सबकी नजर है .
साल 1993 से अब तक बैतूल विधानसभा और प्रदेश में बनने वाली सरकार के बीच ये अनूठा मिथक फिलहाल बना हुआ है. अब 11 दिसंबर के दिन ये फैसला होगा कि ये महज कोई इत्तेफाक है या फिर प्रदेश सरकार के साथ बैतूल विधानसभा का वाकई कोई कनेक्शन है.