बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में 4 बाघ शावकों की मौत

surendra tripathi

उमरिया, जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया अभी बाघ शावक मरने, आग लगने, का मामला ठीक से ठंडा भी नहीं हुआ था कि सूत्रों के हवाले से खबर मिली कि 4 बाघ शावकों की मौत हो गई | इतना ही नहीं बी 16 टावर के सामने की पहाडी जो कि ग्राम गाटा, दमना के नजदीक है और ताला जोन में आती है परसों लगी आग में पूरी तरह जल कर राख हो गई, सूत्रों की माने तो लगभग 10 हेक्टेयर के आस  पास का क्षेत्र जल कर ख़ाक हो गया |

4 Tiger cubs died in Bandhavgarh Tiger Reserveसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल को बाघिन ने 4 प्रीमैच्योर बच्चो को जन्म दिया और एक  एक कर कल तक सभी बच्चो की मौत हो गई, यह बाघिन बठान सी ऍफ़ सूट में रखी गई है, कौन सी बाघिन है किसी को पता नहीं है बाघिन गर्भवती थी और कांक्रीट के बने पक्के माकान में रखी गई है, सबसे बड़ी बात तो यह है कि वहीँ पर सोलर पैनल भी लगा है जिसके कारण गरमी की अधिकता बनी रहती है और बाघिन और उनके शावकों को उनके मन मुताबिक वातावरण नहीं मिल पाता है जिसके कारण मौत हो जाती है, यदि सूत्रों का माना जाय तो लगभग 10 से ज्यादा बाघ अलग  अलग जगहों में बंधक है, इअतना ही नहीं सी ऍफ़ सूइट में भी एक बाघ शावक के होने की खबर मिलती है, वहीँ पता चला है कि एक बाघिन जिसकी कमर में चोट रही उसको बठान कैम्प में रखा गया था और वह गर्भवती थी कहीं वही बाघिन तो ट्रेन्कुलाईज करने और कांक्रीट से बने पक्के माकान में रखने से अत्यधिक गर्मी के कारण तो समय से पूर्व बच्चे नहीं दे दी जिससे चारों बच्चो की मौत हो गई |

इस मामले में जब क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व मृदुल पाठक से उनके मोबाईल नंबर 9425012180 पर बात किया गया तो उनका कहना रहा कि मैं तो अभी भोपाल में हूँ नौरादेही में बाड़े से जो टाइगर भाग गया है उसको पकड़ने आये हैं और पकड़ लिया गया है अब रेडियो कालर डालने की तैयारी में हैं और अभी पता चला है कि 4 बच्चों की मौत हो गई है, ये उसी बरही वाली बाघिन के चारो बच्चे थे जो आदमखोर हो गई है |

अगर क्षेत्र संचालक की बात को गौर करें तो बरही वाली आदमखोर बाघिन के चारो शावक थे चारो बच्चे कुछ बड़े थे और अगर सूत्रों की माने तो चारो बच्चे दो दिन पूर्व पैदा हुए थे और मर गए |

अब ऐसे में आवश्यकता है कि बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व को सही  सलामत रखने के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति बना कर एन टी सी ए और सर्वोच्च न्यायालय के मार्ग दर्शन में बिना किसी को सूचना दिए अचानक जांच करवाई जाय और दोषी पर कार्यवाही भी किया जाय ताकि पार्क से लगे हजारों लोगों का रोजगार भी चलता रहे और पर्यटकों को भी मायूश होकर न जाना पड़े |