आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कांग्रेस नेता सुरजेवाला को कहा लफंडर

आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कांग्रेस नेता सुरजेवाला को कहा लफंडर

नई दिल्ली, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम पार्टी के बड़े नेताओं के खिलाफ लगातार बयान देकर सुर्खियों में बने हुए हैं। कांग्रेस नेताओं को राम मंदिर और भगवान राम का विरोधी बताने के अब उन्होंने पार्टी के महासचिव पर निशाना साधा है। आचार्य प्रमोद कृष्ण ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस के 'भाग्य' की विडंबना यही है कि एक ऐसे 'लफंडर' को पार्टी का महासचिव बना रखा है जिसने राज्य सभा के चुनाव में 'विधायक' रहते हुए भाजपा के उम्मीदवार और जी न्यूज के मालिक सुभाष चंद्रा को जितवाने का 'पाप' सिर्फ एक 'अश्लील' CD के 'प्रसारण' को रुकवाने के लिये किया।

रणदीप सुरजेवाला ने आचार्य कृष्णम को कहा महत्वहीन

आचार्य कृष्णम की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के जवाब के बाद आई है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रमोद कृष्णम की तरफ से पार्टी के बड़े नेताओं को हिंदू शब्द से नफरत वाले बयान पर कहा था कि आपको ऐसे महत्वहीन लोगों को छोड़ देना चाहिए। सुरजेवाला मध्यप्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए इंदौर में थे। सुरजेवाला ने साफ कहा था कि आप इस तरह के उलजलूल लोगों को छोड़िए। आप ऐसे लोगों को बयानों पर मत जाइए।

कांग्रेस में कुछ बड़े नेता ऐसे हैं जिन्हें हिंदू शब्द से ही नफरत है

इससे पहले आचार्य कृष्णम का कहना था कि कांग्रेस में कुछ बड़े नेता ऐसे हैं जिन्हें हिंदू शब्द से ही नफरत है। कृष्णम का कहना था कि आगे कहा कि कुछ कांग्रेसी ऐसे नेता हैं, जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं बल्कि भगवान राम से भी नफरत है। उन्होंने कहा था कि सारी दुनिया जानती है कि राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए हुए प्रयास हुए। इससे सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है।

यूपी में मायावती से गठबंधन की वकालत कर चुके हैं

आचार्य प्रमोद कृष्णम यूपी के संभल के रहने वाले हैं। उन्हें प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है। पार्टी ने उन्हें दो बार लोकसभा का टिकट दे चुकी है। उन्होंने 2014 में संभल और 2019 में लखनऊ से चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें जीत नहीं मिल पाई थी। आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं जो राम मंदिर को लेकर मुखर रहे हैं। इससे पहले प्रमोद कृष्णम लोकसभा चुनाव में जीत के लिए यूपी में मायावती से गठबंधन की वकालत कर चुके हैं। इंडिया गठबंधन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने साफ कहा था कि यूपी में मायावती को साथ लिए बिना राहुल और अखिलेश चुनाव नहीं जीत सकते हैं।

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