अब व्यापारियों के लिए बनेगा व्यापार क्रेडिट कार्ड, छोटे दुकानदारों को होगा लाभ

अब व्यापारियों के लिए बनेगा व्यापार क्रेडिट कार्ड, छोटे दुकानदारों को होगा लाभ

नई दिल्ली, मोदी सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तर्ज पर छोटे कारोबारियों को व्यापार क्रेडिट कार्ड देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इससे कारोबारियों और एमएसएमई को बिना कुछ गिरवी रखे सस्ता लोन मिल सकेगा।बताया जा रहा है कि व्यापार क्रेडिट कार्ड राष्ट्रीय स्तर पर लांच किया जा सकता है और सिडबी व्यापार कार्ड की नोडल एजेंसी होगी।

50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक हो सकती है कार्ड की क्रेडिट सीमा 
समिति ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय व विभिन्न बैंकों से भी बातचीत भी की है। इस कार्ड की क्रेडिट सीमा 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक हो सकती है। यानी छोटे कारोबारी एक लाख तक का लोन ले सकेंगे।

एमएसएमई के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत उद्यमियों को ही कार्ड देने की सिफारिश 
समिति ने एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत उद्यमियों को ही व्यापार क्रेडिट कार्ड देने की सिफारिश की है। अभी करोड़ों ऐसे उद्योघ ऐसे हैं, जिन्होंने उद्यम पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं कराया है। व्यापार क्रेडिट कार्ड लांच करने से ये उद्यमी भी उद्यम पोर्टल से जुड़ जाएंगे। व्यापार क्रेडिट कार्ड के जारी होने से किराना दुकानदा और सैलून चलाने वालों को भी मदद मिल सकेगी

जल्द ही इस योजना को अमली जामा 
कोरोना काल के बाद देश के एमएसएमई क्षेत्र (छोटे और मझोले उद्योग) को सबसे बड़ा झटका लगा था। यही नहीं नोटबंदी और जीएसटी की मार भी इसी क्षेत्र पर पड़ी थी। इसे क्षेत्र को राहत देने के लिए वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ही छोटे उद्यमियों को भी ‘व्यापार क्रेडिट कार्ड’ देने की सिफारिश की थी। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इसे मान लिया है और जल्द ही इस योजना को अमली जामा पहना दिया जाएगा।

समिति के प्रमुख सुझाव
उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत होते ही उद्यमियों को व्यापार क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जाएं।
बैंक तय करें कि एमएसएमई को कितना बड़ा कर्ज देना चाहते हैं।
क्रेडिट कार्ड से सामग्री, उपकरण खरीदे की सुविधा हो। व्यवसाय की आय जितनी बढ़े, क्रेडिट लिमिट भी उतनी ही बढ़े।
क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लॉयल्टी प्वाइंट, रिवॉर्ड, कैशबैक और अन्य फायदे दिए जाएं।

फैक्ट फाइल
6.30 करोड़ लघु और 3.31 लाख छोटे उद्योग हैं देश में।
1.5 करोड़ से भी कम एमएसएमई को मिल पाता है बैंकों से लोन।
05 हजार से अधिक मध्यम आकार के पंजीकृत उद्योग हैं देश में।