पशुपालन विभाग की ए-हेल्प योजना का सोमवार को होगा शुभारम्भ

पशुपालन विभाग की ए-हेल्प योजना का सोमवार को होगा शुभारम्भ

पशु सखियों को बनाया जाएगा मान्यता प्राप्त ए-हेल्प अभिकर्ता

जयपुर।  ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए “ए-हेल्प” योजना का शुभारम्भ राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान, जामडोली, जयपुर से सोमवार को किया जाएगा। योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त अभिकर्ता को स्थापित करना है। 

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने ए-हेल्प के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की जीवन शैली में बदलाव आयेगा और पशुपालकों की सोच में भी परिवर्तन आयेगा। उन्होंने कहा कि पशुपालन को लेकर परम्परावादी सोच को बदलने की जरूरत है, ताकि वैज्ञानिक पद्धति का समावेश कर इसे उद्यमिता का रूप दिया जा सके। 

 कुमावत ने बताया कि ए-हेल्प योजना के तहत पशु सखियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। पशुपालन मंत्री ने बताया कि योजना के तहत पशु सखियों को 16 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाकर स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त अभिकर्ता ए-हेल्प के रूप में स्थापित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि योजना के प्रथम चरण में 25-25 के समूह में राज्य की लगभग 2000 पशु सखियों को प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

पशुपालन विभाग मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि पशुधन उत्पादों की तेजी से बढ़ती मांग महिलाओं के सशक्तिकरण के अवसर पैदा करती है। ऐसे में पशुधन मालिक, प्रसंस्करणकर्ता और पशुधन उत्पादों के उपयोगकर्ता के रूप में महिलाओं की भूमिका की पहचान और उनकी निर्णय लेने की शक्ति और क्षमता को मजबूत करने के साथ-साथ महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है।

कुमावत ने बताया कि ‘ए-हेल्प’ प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को मान्यता प्राप्त एजेंट के रूप में शामिल करके सशक्त बनाना है। पशुओं को कान की टेगिंग के लिये चिन्हित करने और टेगिंग का डाटा इनाफ पोर्टल पर दर्ज कराने में ए-हेल्प कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वे अपने क्षेत्र के पशुपालकों को पशुओं के रख-रखाव, टीकाकरण, विभिन्न विभागीय योजनाओं के लाभ के बारे में बतायेंगी। ए-हेल्प कार्यकर्ता पशुपालकों को पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने, पशुधन बीमा करवाने और लाभ दिलाने में भी मदद करेंगी। इन्हें पशुओं के लिए संतुलित आहार बनाना भी सिखाया जायेगा। ये प्रशिक्षित अभिकर्ता पशुपालकों को चारा उत्पादन के लिये भी प्रोत्साहित करेंगी।

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