चैत्र नवरात्रि आज से, जानिए कैसे करें पूजा और घटस्थापना शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि आज से, जानिए कैसे करें पूजा और घटस्थापना शुभ मुहूर्त

भोपाल, 9 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। दो गुप्त नावरात्रि को मिलाकर एक साल में चार नवरात्रि आती हैं, चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। 

चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ के साथ ही नया हिंदू वर्ष भी आरंभ

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ होने के साथ ही नया हिंदू वर्ष भी आरंभ होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 09 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो रहे हैं और समापन 17 अप्रैल को राम नवमी पर होगा। नवरात्रि पर दुर्गा देवी लोक आती हैं और इस समय मां अपने सभी भक्तों की हर एक मनोकामना को पूर्ण करती हैं। 

नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग

वर्ष चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग रहेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि इस वर्ष 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन यानी 09 अप्रैल 2024 को रात को 08 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरू हो जाएगी। वैदिक ज्योतिष में इन योगों में पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है। 

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि पर्व पर देवी दुर्गा की आराधना का महापर्व शुरू होता है। पंचांग की गणना के मुताबिक 09 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक पंचक रहेगा। यानी पंचक के समाप्त के बाद घट स्थापना करना शुभ रहेगा। 09 बजकर 11 मिनट पर अशुभ चौघड़िया रहेगा। इस कारण से इस समय घट स्थापना न करें। पंचांग की गणना के मुताबिक शुभ चौघड़िया 09 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहू्र्त में कलश स्थापना कर सकते हैं। 09 अप्रैल को कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। क्योंकि यह अभिजीत मुहूर्त है। कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ होता है। इसके अलावा इस समय वैघृत योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग भी रहेगा। ऐसे में घटस्थापना, पूजा का संकल्प लेना और मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी रहेगा। 

कब कौन सा मुहूर्त

सुबह 04:31 से 05: 17 तक- ब्रह्रा मुहूर्त
सुबह 11:57 से दोपहर 12: 48 तक- अभिजीत मुहूर्त
दोपहर 02:30 से दोपहर 03: 21 तक-विजय मुहूर्त
शाम 06:42 से शाम 07: 05 तक-गोधूलि मुहूर्त

काल और योग

रात्रि 10:38 से रात्रि 12: 04 तक: अमृत काल
रात्रि 12:00 से 12: 45 तक: निशिता काल
सुबह 07:32 से शाम 05: 06 तक: सर्वार्थ सिद्धि योग
सुबह 07:32 से शाम 05: 06 तक: अमृत सिद्धि योग


नवरात्रि के दिन, पूजा-अनुष्ठान

दिन       नवरात्रि दिन   तिथि  पूजा-अनुष्ठान 
09 अप्रैल 2024 1 प्रतिपदा    मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
10 अप्रैल 2024  2     द्वितीया   मां ब्रह्मचारिणी पूजा
11 अप्रैल 2024   3     तृतीया    मां चंद्रघंटा पूजा
12 अप्रैल 2024   4  चतुर्थी    मां कुष्मांडा पूजा
13 अप्रैल 2024   5 पंचमी    मां स्कंदमाता पूजा
14 अप्रैल 2024  6 षष्ठी    माँ कात्यायनी पूजा
15 अप्रैल 2024 7   सप्तमी    मां कालरात्रि पूजा
16 अप्रैल 2024       8 अष्टमी    मां महागौरी दुर्गा महाअष्टमी पूजा
17 अप्रैल 2024 9 नवमी     मां सिद्धिदात्री, राम नवमी
18 अप्रैल 2024 10 दशमी     नवरात्रि पारण

नवरात्रि के 9 दिन और 9 देवियों के 9 बीज मंत्र

नवरात्रि के दिन देवी         बीज मंत्र
पहला दिन     शैलपुत्री           ह्रीं शिवायै नम:।
दूसरा दिन   ब्रह्मचारिणी       ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
तीसरा दिन   चन्द्रघण्टा   ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
चौथा दिन         कूष्मांडा          ऐं ह्री देव्यै नम:।
पांचवा दिन  स्कंदमाता         ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
छठा दिन         कात्यायनी  क्लीं श्री त्रिनेत्राय नम:।
सातवाँ दिन  कालरात्रि          क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
आठवां दिन  महागौरी          श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
नौवां दिन  सिद्धिदात्री  ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

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