उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अचानक पद से दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति को सौंपा त्यागपत्र

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अचानक पद से दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति को सौंपा त्यागपत्र

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया। राष्ट्रपति को दिए इस्तीफे में उन्होंने लिखा, 'मैं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डॉक्टरों की सलाह का पालन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार है। 

राष्ट्रपति को दिया धन्यवाद

इस्तीफे में धनकड़ ने लिखा-मैं भारत की माननीय राष्ट्रपति को हार्दिक धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुझे लगातार सहयोग और एक शांतिपूर्ण कार्य संबंध प्रदान किया। यह मेरे लिए बेहद सुखद अनुभव रहा।

देश के इतिहास में तीसरा मामला जब बीच में उपराष्ट्रपति नेपद छोड़ा

देश में तीसरी बार ऐसा हुआ है कि किसी उपराष्ट्रपति ने कार्यकाल के बीच में पद छोड़ा हो। इससे पहले वीवी गिरि ने 20 जुलाई, 1969 को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लडऩे के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वीवी गिरी ने 1969 में राष्ट्रपति चुनाव लडऩे के लिए इस्तीफा दिया था, जबकि भैरो सिंह शेखावत ने 2007 में चुनाव हारने के बाद पद छोड़ा था। बता दें कि भारत के उपराष्ट्रपति के एक्स हैंडल से धनखड़ की तस्वीर को हटा दिया गया है। 

10 अगस्त, 2027 को समाप्त होना था कार्यकाल

14वें उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ का पांच साल का कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 को समाप्त होना था। पेशे से वकील धनखड़ उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे।

अब क्या होगा

संविधान में उपराष्ट्रपति का पद अब रिक्त होने के बाद उपराष्ट्रपति के सभी कार्य कौन करेगा, पूरी जिम्मेदारी कौन निभाएगा इस संबंध में संविधान में कुछ स्पष्ट नहीं है।
राज्यसभा के सभापति का कार्य अब संविधान के अनुसार उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किसी अन्य सदस्य द्वारा किया जा सकता है।
अनुच्छेद 66 के तहत, उप राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से किया जाता है।
एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है, ऐसे में नए उम्मीदवार के चयन में उसे प्रमुख भूमिका निभानी है।

कौन बन सकता है उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक, 35 वर्ष से अधिक आयु का और राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य होना चाहिए।

कोई भी व्यक्ति जो भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी स्थानीय निकाय के अधीन लाभ का पद रखता है, वह इस पद के लिए अयोग्य होता है।
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ऐसा चेहरा चुनेगी जो मजबूत और गैर-विवादास्पद हो।

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