सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एटा सिंगरासर माइनर का निर्माण प्रस्तावित नहीं: जल संसाधन मंत्री

सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एटा सिंगरासर माइनर का निर्माण प्रस्तावित नहीं: जल संसाधन मंत्री

जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि वर्तमान में जल की उपलब्धता नहीं होने के कारण सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एटा सिंगरासर माइनर का निर्माण प्रस्तावित नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में वर्तमान जल उपलब्धता को देखते हुए किसी भी नये क्षेत्र को पानी दिया जाना संभव नहीं है।

जल संसाधन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के काश्तकारों की मांग के कारण राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 की बजट घोषणा के तहत 22 करोड़ रूपये की लागत से ऐटा सिंगरासर माइनर के निर्माण की घोषणा की गई थी।

उन्होंने जानकारी दी कि मैसर्स वेपकॉस लिमिटेड द्वारा ऐटा सिंगरासर माइनर के विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसके अनुसार कुल 40 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में से लगभग 13 हजार हैक्टेयर सिंचित योग्य क्षेत्र अंकित किया गया था, लेकिन कंपनी द्वारा पानी की उपलब्धता का कोई आकलन नहीं किया गया।

इससे पहले विधायक डूंगरराम गेदर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में जल की उपलब्धता एवं तकनीकी आंकडों के अध्ययन हेतु राज्य सरकार द्वारा 5 सदस्य समिति का गठन किया गया, जिसमें 2 कृषक प्रतिनिधि सम्मिलित थे, द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान जल उपलब्धता से इंदिरा गांधी नहर परियोजना के सीमित किये गये 16.17 लाख हैक्टेयर सी.सी.ए. में ही सिंचाई सुविधा प्रदान की जा सकती है व किसी भी नये क्षेत्र को पानी दिया जाना संभव नहीं है। अतः ऐटा सिंगरासर माईनर का निर्माण वर्तमान में अधिशेष जल अनुपलब्धता के मध्यनजर प्रस्तावित नहीं  है।

उन्होंने विधानसभा क्षेत्र सूरतगढ़ में 01 जनवरी, 2019 के पश्चात जल संसाधन द्वारा करवाये गये कार्यांे एवं इन पर व्यय की  गई राशि का संख्यात्मक विवरण और इंदिरा गांधी नहर विभाग द्वारा कराये गये कार्यो एवं इन पर व्यय की गई राशि का संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नई माईनर का निर्माण वर्तमान में अधिशेष जल अनुपलब्धता के मध्यनजर प्रस्तावित नहीं है ।

उन्होंने बताया कि अन्य कार्यों के अन्तर्गत पूर्व में निर्मित वितरण प्रणाली के जीर्णोद्धार, पुनरू निर्माण आदि से संबंधित कार्य करवाये गये/जा रहे है। उन्होंने कार्यों का संख्यात्मक विवरण  सदन के पटल पर रखा।

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