‘2047 तक विकसित भारत’ की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है ‘2047 तक विकसित राजस्थान’ का रोड मैप: CM भजनलाल

‘2047 तक विकसित भारत’ की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है ‘2047 तक विकसित राजस्थान’ का रोड मैप: CM भजनलाल

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में शिरकत करते हुए विकसित राजस्थान/2047 का रोड मैप काउंसिल के सामने रखा।

     श्री शर्मा ने बैठक में कहा कि विकसित राजस्थान/2047 की संकल्पना को साकार करने के लिए हमारी सरकार ने वर्ष 2024-25 के राज्य बजट में 10 संकल्प लिए हैं, जिनमें आगामी 5 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 350 बिलियन डॉलर की बनाने, बुनियादी सुविधाओं, शहरी ग्रामीण एवं क्षेत्रीय तथा मानव संसाधनों का विकास करना, किसानों का सशक्तिकरण, एमएसएमई को प्रोत्साहन देना तथा विरासत संरक्षण के साथ-साथ सबके लिए स्वास्थ्य, सुशासन जैसे महत्वपूर्ण घटकों को शामिल किया गया है।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने कार्यभार संभालते ही बिजली के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण एवं निर्णायक कदम उठाए हैं। हमनें एनटीपीसी, एनटीपीसी ग्रीन, कोल इंडिया, एन.एल.सी और आरईसी जैसे केंद्रीय उपक्रमों के साथ 1 लाख 50 हजार करोड़ के एमओयू संपादित किए हैं। जिसके तहत 32 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा, जो कि राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

     उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2950 मेगावाट की सोलर परियोजना हेतु भूमि आवंटित कर दी है तथा पीएम कुसुम योजना के तहत 7 महीने की अल्पावधि में 4386 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट्स हेतु एलओआई जारी किए। इसके साथ ही पीएम सूर्य घर योजना के तहत 4 लाख पंजीकरण हो चुके हैं तथा एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिन्हें जल्द ही पूर्ण किया जा सकेगा।

ईआरसीपी परियोजना की लंबित मांग को किया पूरा

     बैठक में मुख्यमंत्री ने ईआरसीपी परियोजना तथा यमुना जल समझौते के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी की पहल से केंद्र सरकार ने ईआरसीपी परियोजना को रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट में सम्मिलित कर राज्य के 21 जिलों के 3 करोड़ 25 लाख लोगों के सपने को साकार किया है तथा चूरू, झुंझुनू एवं सीकर जिले के निवासियों को यमुना से पानी उपलब्ध करवाने की लंबित मांग को पूरा किया गया है। साथ ही, प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपए व्यय करके 25 लाख घरों में जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य बजट का 8.26 प्रतिशत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर खर्च

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार हेतु बजट में 27 हजार 660 करोड रुपए का प्रावधान किया है जो राज्य बजट का 8.26 प्रतिशत है। इसी तरह राज्य में फरवरी, 2024 से ‘मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना’ प्रारंभ कर दी गई है। जन औषधि केंद्र की संख्या में भी काफी इजाफा किया है ताकि आम आदमी तक दवाइयां सुलभ हो सके।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए 134 राजकीय स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में प्राईमरी कक्षाओं का संचालन प्रारंभ कर दिया है तथा 402 पीएमश्री विद्यालयों में वर्चुअल ऑनलाइन लैब स्थापित किए जा रहे हैं।
     उन्होंने कहा कि विकसित राजस्थान/2047 की दिशा में कदम उठाते हुए राज्य सरकार द्वारा पिछले 7 माह में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। जिनमें 2,750 किलोमीटर लंबाई के नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण, राज्य के हर जिले में मातृ वन बनाने, किसान सम्मान निधि की राशि को 6 हजार रुपये से बढ़कर 8 हजार रुपये करने तथा इस समयावधि में 20 हजार युवाओं को नियुक्ति प्रदान करने के साथ-साथ राज्य में ‘वन स्टेट-वन इलेक्शन व्यवस्था लागू करने हेतु आवश्यक कार्यवाही शामिल है।
     मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान राज्य में किए जा रहे विकासोन्मुख कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देने के साथ केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग का भी अनुरोध किया।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि भाखड़ा और पोंग बांध को पूर्ण क्षमता तक भरने के संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जाना आवश्यक है ताकि राज्य को उसके हिस्से का पानी आसानी से मिल सके। उन्होंने जल जीवन मिशन की अवधि मार्च 2027 तक बढ़ाये जाने का आग्रह भी किया। श्री शर्मा ने पीएम कुसुम योजना के घटक-सी के अंतर्गत राज्य को आवंटित 2 लाख सोलर पंप के लक्ष्य को बढ़ाकर 6 लाख किए जाने का अनुरोध भी केंद्र सरकार से किया। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्युत तंत्र में सुधार हेतु 8 हजार 780 करोड रुपये की लागत के प्रस्ताव आरडीएसएस के तहत शीघ्र स्वीकृत किए जाएं ताकि विद्युत तंत्र का आधुनिकरण हो सके।
     श्री शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ने हेतु प्रदेश में स्थापित की जा रही राजस्थान रिफाइनरी परियोजना के संबंध में भी मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि परियोजना की बढ़ी हुई लागत 72 हजार 937 करोड रुपए का अनुमोदन शीघ्र किया जाए ताकि रिफायनरी के काम को जल्द पूर्ण किया जा सके।
     मुख्यमंत्री ने राजस्थान के विकास में पर्यटन की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में धार्मिक पर्यटन की बहुत बड़ी भूमिका है इसलिए धार्मिक स्थलों के विकास हेतु केंद्रीय सहयोग अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग को जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर विकसित किया जाए।
     श्री शर्मा ने बैठक में प्रधानमंत्री को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार प्रदेश को विकसित राज्य बनाने हेतु लिए गए संकल्प को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश को प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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