सेतु बंध योजना के तहत फ्लायओवरों के निर्माण के शुरू, मप्र में बिछेगा फ्लाईओवर का जाल
भोपाल । केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदेश को फ्लायओवरों की सौगात दी थी। उनका निर्माण अब सेतु बंध योजना के तहत कराया जा रहा है। 9 शहरों में 17 फ्लायओवर एमआरडीसी यानी मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम करवाएगा। इन फ्लायओवरों के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और टेंडर भी जारी किए जा रहे हैं। दरअसल जिन शहरों में ये फ्लायओवर बनना है वहां अतिक्रमण से लेकर ओवरब्रिज निर्माण में कुछ बाधाएं भी हैं, जिन्हें स्थानीय प्रशासन, निगम की सहायता से हटवाया जाएगा।
यातायात को सुगम करने में मदद मिलेगी
एमपीआरडीसी के एमडी आशीष सिंह के मुताबिक इन 17 फ्लायओवरों के निर्माण से शहरों के यातायात को सुगम करने में मदद मिलेगी। केन्द्र सरकार ने इन फ्लायओवरों के लिए एक हजार करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। भोपाल के अलावा इंदौर, सागर, ग्वालियर, खंडवा, विदिशा और धार में ये फ्लायओवर बनाए जाना है। इंदौर में देवास नाका चौराहा पर जो फ्लायओवर बनेगा उसकी लंबाई लगभग 600 मीटर होगी, तो इतनी ही लम्बाई का फ्लायओवर सत्यसांई चौराहे पर और तीसरा फ्लायओवर आईटी चौराहा और चौथा मूसाखेड़ी चौराहा पर बनना है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी केन्द्रीय सड़क अधोसंरचना निधि से इन फ्लायओवरों के लिए शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता राशि की मांग की थी, जिसके चलते सेतु बंधन योजना के तहत इन फ्लायओवरों को मंजूरी दी गई है।
जाम से मिलेगी निजात
ये फ्लाई ओवर शहरों के सबसे व्यस्ततम और भीड़- भाड़ वाले चौराहों में बनाए जाएंगे। इनके निर्माण के लिए मप्र सड़क विकास निगम डीपीआर तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया है। निर्माण कार्य अगले वर्ष से शुरू होने की संभावना है। इन चौराहों और मार्गों से प्रतिदिन करीब 20 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। पीक ऑवर में यहां जाम जैसे स्थिति बन जाती है। सभी 9 शहरों में फ्लाईओवर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने करीब एक हजार करोड़ रु. जारी किए हैं। इनकी चौड़ाई करीब 7 मीटर से ज्यादा होगी, जबकि लंबाई अलग-अलग है। डीपीआर बनने के बाद निर्माण कार्यों की लागत राशि बढऩे की संभावना है। डीपीआर बनाने एमपीआरडीसी ने एजेंसियों को 3 से 4 माह का समय दिया है। इसके बाद निर्माण लागत और फ्लाई ओवर 600 मीटर होगी। की लंबाई का वास्तविक आकलन किया जा सकेगा। फ्लाईओवर कहां बनेंगे, इसका निर्धारण कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। डीपीआर तैयार होने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होगी। कई शहरों में जहां फ्लाईओवर बनाया जाना प्रस्तावित है, वहां अतिक्रमण और निजी भूमि पर भवन और व्यावसायिक काम्प्लेक्स हैं। निर्माण एजेंसी को भूमि खाली कराने में करीब 6 माह और साल भर का समय लग सकता है। एमपीआरडीसी के एमडी आशीष सिंह का कहना है कि सेतुबंधन योजना के तहत 9 शहरों में फ्लाई ओवर तैयार करने का काम एलएंडटी को दिया गया है। जल्द ही इनके निर्माण के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
इन जिलों में बनाए जाएंगे फ्लाईओवर
भोपाल व्यापमं चौराहे से 6 नम्बर बस स्टाप तक फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 540 मीटर होगी। अयोध्या बायपास से करोंद फ्लाई ओवर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 600 मीटर होगी। काली परेड से अयोध्या तक छोला आरओबी बनाया जाएगा, जिसकी मीटर होगी लंबाई 600 मीटर होगी। इंदौर देवास नाका चौराहे पर फ्लाई ओवर बनाया जाएगा, सत्य साई चौराहे पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 590 मीटर, आईटी चौराहे पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा, लंबाई 595 मीटर होगी। मुसाखेड़ी चौराहे पर फ्लाई ओवर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 590 मीटर, सागर सिविल लाइन से मकरोनिया चौराहे तक फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 650 मीटर होगी। सोनार नदी से गदेरी नदी तक सागर- दमोह मार्ग पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा, लंबाई 700 मीटर होगी। ग्वालियर पुराना कम्पू बस स्टैंड से गोरखी महाराज बाड़ा तक फ्लाई ओवर होगा, जिसकी लंबाई 1000 मीटर होगी। वहीं महलगांव और हरिशंकरपुम के बीच अंडर पास निर्माण होगा, इसकी लंबाई 30 मीटर होगी। मोहना रेलवे स्टेशन के पास फ्लाई ओवर का निर्माण होगा, जिसकी लंबाई 445 मीटर होगी। खंडवा गणेश गौशाला चौराहा से पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 600 मीटर होगी। विदिशा सागर-विदिशा मार्ग पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 800 मीटर होगी। थार महू घाटा बिल्लौद स्टेट हाइवे क्रमांक 38 इंडो रामा चौरहे पर 4 लेन फ्लाईओवर बनाई जाएंगी, जिसकी लंबाई 600 मीटर होगी।