सशक्त होगा सहकारी आन्दोलन, ‘सहकार से समृद्धि’ का संकल्प होगा साकार: सहकारिता मंत्री
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अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान पूरे वर्ष आयोजित होंगी गतिविधियां
अधिक से अधिक लोगों को सहकारिता के माध्यम से किया जाए लाभान्वित
जयपुर। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के दौरान राज्य में सहकारी आन्दोलन को अधिक मजबूत बनाने और अधिक से अधिक लोगों को सहकारिता से जोड़ने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता बढ़नी चाहिए ताकि लोगों का विश्वास सहकारिता में कायम रहे।
सहकारिता मंत्री गुरुवार को नेहरू सहकार भवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष से संबंधित प्रदेश की वार्षिक कार्ययोजना एवं कैलेण्डर के विमोचन के बाद राज्य स्तरीय कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रदेश भर से सहकारिता विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वीडियो कॉंफ्रेंस से माध्यम से शामिल हुए।
दक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है, लेकिन देश में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में वर्ष 2021 से ही कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ के अंतर्गत 54 पहलों के माध्यम से देश में सहकारी सेक्टर सशक्त हो रहा है। जीडीपी में सहकारिता क्षेत्र का योगदान 40 प्रतिशत हो, इसके लिए सभी को अपनी भूमिका समझते हुए कर्तव्यों का जिम्मेदारी से निर्वहन करना होगा।
दक ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता सेक्टर को प्राथमिकता दे रही है। राज्य बजट में सहकारिता से संबंधित कई ऐतिहासिक घोषणाएं की गई हैं, जिनसे प्रदेश में सहकारी आन्दोलन को और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि बजट मे ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण का दायरा बढ़ाते हुए 35 लाख से अधिक किसानों को 25 हजार करोड़ रुपये के ऋण वितरित करने की घोषणा की गई है। साथ ही, राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना का भी दायरा बढ़ाकर 2.50 लाख गोपालक परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण देने की घोषणा की गई है। दक ने कहा कि बजट घोषणा के अनुरूप आगामी 2 वर्षों में 2,500 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियां खुलने से प्रदेश में सहकारिता का मजबूत नेटवर्क स्थापित होगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारी आन्दोलन को मजबूती देने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारी समझनी होगी। सभी कार्मिक संकल्प लें कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान ज्यादा उत्साह के साथ काम करते हुए सहकारी आन्दोलन को मजबूत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के दरवाजे सभी लोगों के लिए खुले होने चाहिए। दक ने नवाचार करने और सहकारी समितियों द्वारा किये जा रहे कार्यों का दायरा बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही, नये को-ऑपरेटिव कोड के माध्यम से खामियों को दूर करने पर भी बल दिया।
कार्यक्रम में अतिरिक्त रजिस्ट्रार इन्दर सिंह, संजय पाठक, भोमाराम एवं संदीप खण्डेलवाल ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान पूरा विभाग दोगुने उत्साह के साथ काम करेगा और राज्य को देश में रोल मॉडल स्टेट के रूप में स्थापित करेगा। इस अवसर पर सभी फंक्शनल अधिकारियों सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।