उपचुनाव का काउंट डाउन शुरू, भाजपा में रायसुमारी और कांग्रेस में कलह भारी

उपचुनाव का काउंट डाउन शुरू, भाजपा में रायसुमारी और कांग्रेस में कलह भारी

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बोले-केंद्रीय हाईकमान नाम तय करेेगा टिकट

खंडवा से दावेदार हर्ष व चिटनीस से वन-टू-वन चर्चा

कांग्रेस में खंडवा संकट बरकरार, उठापटक भी हो गई तेज 

भोपाल। मध्य प्रदेश में इस महीने के अंत मे चार सीटों पर होने जा रहे उप चुनाव के टिकटों के लिए घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस में तो उठापटक चल ही रही है। भाजपा में भी असंतोष कम नहीं है। पार्टी कमरा बंद बैठकें कर रही है, ताकि अंसतोष की आंच बाहर न पहुंच पाए। कांग्रेस में तो गुटबाजी और बयानबाजी का वही पुराना हाल है। मप्र में एक लोकसभा औऱ तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है। दोनों दलों में टिकट के लिए मंथन जारी है। भोपाल में भाजपा कार्यालय में बंद कमरा बैठक हुई। दावेदारों और नेताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही है। खंडवा लोकसभा सीट पर पेंच फंसा है। उधर, कांग्रेस में खंडवा संकट बना हुआ है, उठापटक वहां भी तेज हो गई है।

दरअसल, खंडवा लोकसभा सीट के उम्मीदवार चयन के लिए भोपाल में शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में मंथन हुआ। यह बैठक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन के पदाधिकारियों ने ली। खंडवा लोकसभा सीट के अंतर्गत चार जिलों के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से मौजूदा सियासी समीकरण पर चर्चा की गई। बैठक में टिकट के दावेदार हर्ष सिंह चौहान और अर्चना चिटनीस में मौजूद थे। वहीं संवाददाताओं से चर्चा के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा यह रूटीन बैठक है। हम लगातार बैठक करते हैं। उप चुनाव की तैयारी के लिए बैठक होगी। टिकट की दावेदारी पर उन्होंने कहा भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व तय करता उस फैसले पर कार्यकर्ता काम में जुड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव की तैयारी को लेकर बैठक का दौर चल रहा है। इसी कड़ी में स्थानीय नेताओं से फीडबैक लिया जा रहा है। केंद्रीय हाईकमान जिसका नाम तय कर देगा, कार्यकर्ता उसके लिए काम मे जुट जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने शुक्रवार को खंडवा लोकसभा क्षेत्र के अलावा सतना, आलीराजपुर और सतना जिलों के अध्यक्ष व स्थानीय नेताओं को रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा क्षेत्रों में तैयारी को लेकर बैठक में बुलाया था।

स्थानीय नेता को मिले टिकट: सांसद गणेश सिंह

भाजपा सांसद गणेश सिंह का कहना है कि रैगांव से स्थानीय नेता को ही टिकट देना चाहिए, क्योंकि बाहरी व्यक्ति चुनाव लडऩे के बाद क्षेत्र में ध्यान नहीं देता है। इसलिए हम भी यही मांग करते हैं कि पार्टी से स्थानीय व्यक्ति को ही टिकट दिया जाए। वहीं ओबीसी वर्ग को टिकट दिए जाने पर कैबिनेट मंत्री रामखेलावन पटेल ने कहा कि रैगांव अनुसूचित जाति बहुल सीट है। यहां से एससी उम्मीदवार को ही चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, जबकि अन्य सीटों पर स्थानीय और क्षेत्रीय नेताओं को ही टिकट दिया जाएगा। हर वर्ग के हिसाब से पार्टी फैसला करेगी।

पेश की दावेदारी

बैठक में पहुंचे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा खंडवा सीट में आने वाले जिलों के कार्यकर्ताओं, नेताओं को बुलाया गया है। इस सीट पर अपनी दावेदारी के सवाल पर वो बोले कि पार्टी तय करेगी किसे टिकट देना है। मैं एक कार्यकर्ता हूं। बैठक में आया हूं। यहां से टिकट की दूसरी दावेदार अर्चना चिटनिस ने कहा कि पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे बखूबी निभाऊंगी। मैं कोई भी दावेदारी करने नहीं आई हूं। बैठक में मेरे जैसे कई कार्यकर्ता आए हैं। कार्यकर्ता विचार करता है। पार्टी  तय करती है। पार्टी अच्छा निर्णय करती है। 

कांग्रेस में घमासान तेज

टिकट के लिए कांग्रेस में भी घमासान कम नहीं है। खंडवा लोकसभा सीट का हाल सबके सामने है। यहां से अरुण यादव की दावेदारी है जिन्हें कांग्रेस के बागी निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा चुनौती दे रहे हैं। वो अपनी पत्नी के लिए टिकट की मांग पर अड़े हैं। अपना टिकट पक्का करने के लिए अरुण यादव भी दिल्ली दौरा कर आए हैं। वो पीसीसी चीफ कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक से मिलकर अपनी बात कह चुके हैं। मौजूदा समीकरण को देखते हुए राहुल गांधी से मुलाकात की बात वो ट्वीट में जाहिर कर चुके हैं। कांग्रेस की एक बड़ी लॉबी उनके साथ है। इसलिए यादव का टिकट लगभग तय ही माना जा रहा है। 

शेरा पहुंचे कांग्रेस कार्यालय

निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा शुक्रवार दोपहर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। उन्होंने एक बार फिर दावा किया है कि यदि जमीनी सर्वे के आधार पर मिला टिकट, तो मेरी पत्नी जयश्री ठाकुर को ही टिकट मिलेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दिग्विजय सिंह ने भले ही शुभकामनाएं अरुण यादव को दी है, लेकिन आशीर्वाद मुझे दिया है। अरुण यादव को टिकट मिलने की संभावना पर शेरा ने कहा कि यदि पार्टी उन्हें उम्मीदवार घोषित करती है, तो मैं उनके लिए काम करूंगा।