बैतूल में रूपए 9 करोड़ 84 लाख की साइबर लूट का पर्दाफाश
भोपाल, बैतूल जिले में पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने एक संगठित साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है। इस ठगी में करीब 9 करोड़ 84 लाख रुपये की हेराफेरी की गई थी। पुलिस और साइबर टीम द्वारा किए गए सूक्ष्म तकनीकी विश्लेषण, खातों की ट्रैकिंग, डिजिटल फॉरेंसिक तथा सतत मॉनिटरिंग ने इस ठगी नेटवर्क को उजागर करने में निर्णायक भूमिका निभाई।
खेड़ी सावलीगढ़ निवासी मजदूर बिसराम इवने जब अपने जन-धन खाते का KYC अपडेट कराने बैंक पहुँचे तो उन्हें खाते में करोड़ों के संदिग्ध लेन-देन का पता चला। बिसराम इवने ने अपने जन-धन खाते में करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन की शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दर्ज कराई थी। शिकायत मिलते ही पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती कमला जोशी के निर्देशन में साइबर सेल और कोतवाली पुलिस की टीम को जांच में लगाया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जून 2025 से अब तक उसके खाते से लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपये का अवैध ट्रांज़ैक्शन किया गया था।
जांच में संगठित साइबर लूट का पर्दाफाश हुआ जिसमें पुलिस ने पाया कि एक ही बैंक के 7 अलग-अलग व्यक्तियों के बैंक खातों को निशाना बनाते हुए गिरोह द्वारा 9 करोड़ 84 लाख 95 हजार 212 रुपये की हेराफेरी की गई।
सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह रहा कि गिरोह ने मृत व्यक्ति राजेश बर्डे के बैंक खाते खाते का भी इस्तेमाल किया। उसका मोबाइल नंबर बदला, ATM कार्ड जारी कराया, इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय की और OTP पर पूरा नियंत्रण हासिल किया।
जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि यह पूरा नेटवर्क बैंक के एक अस्थायी कर्मचारी की मिलीभगत से संचालित हो रहा था, जिसने खातों की गोपनीय जानकारी, दस्तावेजों में फेरबदल और ATM/पासबुक जारी कराने में गिरोह की मदद की। इसी सहयोग की वजह से अपराधियों को खातों तक आसानी से पहुँच मिली और करोड़ों की हेराफेरी अंजाम दी गई।
सूचनाओं और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर बैतूल पुलिस ने इंदौर शहर के दो स्थानों पर दबिश देकर राजा उर्फ आयुष चौहान, अंकित राजपूत और नरेंद्र सिंह राजपूत को गिरफ्तार कर आरोपियों से 15 मोबाइल फोन (25 सिम सहित), 21 ATM कार्ड, 28 हजार रूपए नकद (काले बैग में), 11 बैंक पासबुक, 7 चेकबुक, 2 POS मशीन, 69 ATM जमा रसीदें (21 लाख जमा), 48 हजार रूपए की जमा पर्ची, 2 लैपटॉप, 1 Extreme Fiber राउटर, 4 रजिस्टर व डायरी (रिकॉर्ड) और अन्य सामग्री जप्त की।
इस कार्रवाई में संबंधित थाना प्रभारी, साइबर सेल तथा पुलिस टीमों ने सतर्कता, तकनीकी दक्षता और त्वरित कार्रवाई का परिचय दिया है। मध्यप्रदेश पुलिस ने पुनः स्पष्ट किया है कि “जन सुरक्षा और साइबर सुरक्षा” प्रदेश की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा साइबर अपराधों के विरुद्ध व्यापक और कठोर कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।
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