डीजीपी मकवाणा ने प्रशिक्षु अधिकारियों को दिया मार्गदर्शन, कहा-नेतृत्व का आधार है-चरित्र, संवेदनशीलता और सेवा-भाव
भोपाल, राज्य प्रशासनिक सेवा के 24 परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारियों ने आज पुलिस मुख्यालय, भोपाल में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा से सौजन्य भेंट की। यह मुलाक़ात केवल औपचारिक परिचय तक सीमित नहीं रही, बल्कि प्रशासनिक सेवा के भावी नेतृत्वकर्ताओं के लिए अनुभव, दृष्टि और मूल्यों का समृद्ध आदान-प्रदान बन गई।
पुलिस महानिदेशक मकवाणा ने अधिकारियों से संवाद करते हुए प्रशिक्षण अवधि को भविष्य की कार्यशैली का सबसे मजबूत आधार बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी का वास्तविक मूल्य उसके व्यवहार, आचरण और नागरिकों के प्रति अपनाए गए दृष्टिकोण से निर्धारित होता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नेतृत्व का सार अधिकार के प्रदर्शन में नहीं, बल्कि विनम्रता, धैर्य और सेवा-भाव से उत्पन्न होता है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को सलाह दी कि वे अपने अधीनस्थ अमले से सीखने की मनोवृत्ति रखें, क्योंकि टीम की सामूहिक शक्ति ही प्रशासनिक सफलता की वास्तविक कुंजी है।
उन्होंने ने यह भी कहा कि जनता से जीवंत संपर्क बनाए रखना किसी भी अधिकारी के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जब अधिकारी स्वयं लोगों के बीच रहते हैं, उनकी चिंताओं को सुनते हैं और उनके दृष्टिकोण को समझते हैं, तभी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी बन पाता है। उन्होंने बस्तर, नीमच और मंदसौर जैसे जिलों में रहते हुए अपने अनेक प्रशासनिक अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्ठा वे तत्व हैं जो जनता के मन में विश्वास उत्पन्न करते हैं और दोनों संस्थाओं—पुलिस एवं प्रशासन को मजबूत बनाते हैं।
मकवाणा ने कहा कि हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पुलिस कर्मचारियों, युवाओं, विद्यार्थियों व समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए ध्यान योग व तनावमुक्ति प्रशिक्षण निरंतर प्रदान किया जा रहा है। यह संस्था आंतरिक शांति एवं सकारात्मक जीवनशैली को बढ़ावा देने के माध्यम से लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रही है।
मीडिया की सक्रियता का उल्लेख करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आज का प्रशासनिक वातावरण पूरी तरह पारदर्शिता पर आधारित है, इसलिए हर निर्णय में सजगता, शालीनता और संवेदनशीलता आवश्यक है। उन्होंने आईटी युग की संभावनाओं पर भी चर्चा की और कहा कि तकनीक का समझदारी से उपयोग न केवल कार्यों की गति बढ़ाता है, बल्कि प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही को भी सुदृढ़ करता है। पुलिस और अन्य विभागों के मध्य समन्वय की महत्ता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि यह तालमेल ही कानून-व्यवस्था की सुचारु और स्थिर संरचना का आधार है।
कार्यक्रम के दौरान आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी की कोर्स समन्वयक सुरुचि जैन, सहायक संजय श्रीवास्तव, पीएसओ टू डीजीपी विनीत कपूर, एसओ टू डीजीपी मलय जैन सहित प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित रहे।
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