छिटपुट हिंसा के बीच प्रदेश में चुनाव संपन्न, करीब 75 फीसदी से अधिक मतदान

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की 230 सीटों के लिए वोटिंग खत्म हो गई है। राज्य में एक ही फेज में मतदान हुआ है। इस बार वोटिंग को लेकर मतदाताओं में गजब का उत्साह देखने को मिला है। मध्य प्रदेश में शुक्रवार को पिछले तीन विधानसभा चुनाव में हुए मतदान का रिकार्ड टूट गया। अब तक जारी आकड़ों के मुताबिक मतदाताओं ने करीब 75 प्रतिशत मतदान कर कीर्तिमान बनाया है। सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर भीड़ लगनी प्रारंभ हो गई थी, जो समय बीतने के साथ बढ़ती गई। मतदान का समय (शाम छह बजे) खत्म होने के बाद भी कई केंद्रों पर लंबी लाइन लगी हुई थी। महिलाओं में सुबह से ही मतदान को लेकर अच्छा उत्साह देखा गया। विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के दौरान भाजपा और कांग्रेस समर्थकों के बीच छिटपुट हिंसक झड़प भी हुई।
बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर
मध्यप्रदेश में इस बार बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। कई विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। दोनों ही पार्टियों ने जीत के दावे किए हैं लेकिन बागी और दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों के कारण हार का भी डर सता रहा है। आइए जानते हैं कि 2003 से लेकर 2018 तक राज्य में कितनी वोटिंग हुई और किसकी सरकार बनी।
राजनगर विधानसभा क्षेत्र में गाड़ी से कुचलकर कांग्रेस पार्षद सलमान खान की हत्या
छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार सुबह ही गाड़ी से कुचलकर कांग्रेस पार्षद सलमान खान की हत्या का मामला सामने आया। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा ने भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया को सलमान की मौत का जिम्मेदार बताया। अरविंद पटेरिया सहित 20 लोगों के विरुद्ध हत्या सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिमनी के मिरघान पोलिंग बूथ पर दो गुटों में विवाद में दो लोग घायल
मुरैना में केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र दिमनी के मिरघान पोलिंग बूथ पर दो गुटों में विवाद में दो लोग घायल हो गए। ग्रामीणों के अनुसार फायरिंग भी हुई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने गोली चलने की घटना से इन्कार किया। भिंड के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी डा. गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया के गांव मानहढ़ में भाजपा प्रत्याशी राकेश शुक्ला को कुछ लोगों ने घेर लिया। पथराव में राकेश शुक्ला को हल्की चोट भी आई। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए उनके गार्ड को गोली भी चलानी पड़ी।
इंदौर में मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने लाठी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई
विधानसभा क्षेत्र इंदौर-4 से भाजपा प्रत्याशी मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने लाठी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी। एकलव्य के विरुद्ध भी केस दर्ज किया गया है। नक्सल प्रभावित जिलों में तीन बजे तक हुआ मतदान प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट, मंडला और डिंडौरी के छह विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक मतदान कराया गया।
यहां हुआ सर्वाधिक मतदान
बालाघाट जिले के बैहर विधानसभा क्षेत्र में 80.38 प्रतिशत मतदान रहा, जो पिछले चुनाव में 80.72 था। इसी तरह लांजी में 75.07 प्रतिशत मतदाताओं वोट डाला जबकि 2018 में यह 81.78 प्रतिशत था। परसवाड़ा में 81.56 प्रतिशत मतदान हुआ। यहा पिछली बार 82.82 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। मंडला जिले के बिछिया में 73.11, मंडला में 71.76 और डिंडौरी जिले में 78.31 प्रतिशत मतदान रहा। यहां वर्ष 2018 में क्रमश: 78.56, 78.90 और 80.17 प्रतिशत मतदान हुआ था।
2018 में मतदान की स्थिति
मध्यप्रदेश में 2018 में 75 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में 75.2 फीसदी मतदान हुआ था। जिसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ था। हालांकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस को सबसे ज्यादा 114 और बीजेपी को 109 सीटें मिलीं थी। वहीं, वोट शेयर की बात करें तो 2018 में बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले थे।
2013 में की स्थिति
2013 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर 70.8 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस चुनाव में बीजेपी को 165 और कांग्रेस को मात्र 57 सीटों पर जीत मिली थी।
2008 में की स्थिति
मध्यप्रदेश में 2008 के विधानसभा चुनाव में 69 फीसदी वोटिंग हुई थी। 70 फीसदी से कम हुई वोटिंग के बाद भी बीजेपी ने अपनी सरकार को बरकरार रखा था। बीजेपी को 143 और कांग्रेस को 71 सीटों पर जीत मिली थी।
2003 में की स्थिति
मध्यप्रदेश में 2003 के चुनाव बेहद अमह माने जाते थे। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राज्य में पहली बार चुनाव हुए थे। 2003 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। बीजेपी ने उमा भारती के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। 2003 में राज्य में 67 फीसदी वोटिंग हुई थी। तब बीजेपी को 173 और कांग्रेस को मात्र 38 सीटों पर जीत मिली थी।
ज्यादा मतदान परिवर्तन का संकेत
मध्यप्रदेश के बीते पांच चुनावों की बात करें तो केवल 2018 में ही 75 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी। 2018 में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला था लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो यह साफ होता है कि 75 फीसदी से ज्यादा वोटिंग राज्य में बदलाव का संकेत देती है।
क्या कहा शिवराज ने
भाजपा के लिए मध्य प्रदेश में अति उत्साह है। प्रचंड बहुमत से मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बन रही है। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। पद के लिए कोई लालसा कभी नहीं की। मुझे जो दायित्व पार्टी देगी उसको पूरा करूंगा। शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री
क्या कहा कमलनाथ ने
मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव सत्ता का नहीं सच्चाई का है। अंत में जीत सच्चाई की होगी। मैं शिवराज सिंह चौहान या विष्णु दत्त शर्मा नहीं हूं जो यह बता दूं कि इतनी सीटें आ रही हैं। यह मतदाता तय करेंगे। कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष