उज्जैन में हर साल 22 हजार शिक्षक पढ़ेंगे दक्षता का पाठ

brijesh parmar
भोपाल। चिंतामन रोड स्थित विद्या भारती के नए प्रशिक्षण केंद्र का मंगलवार दोपहर तीन बजे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लोकार्पण किया। प्रशिक्षण केंद्र पर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। विद्या भारती के पदाधिकारियों के अनुसार हर साल 22 हजार शिक्षक यहां प्रशिक्षण लेंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत 19 फरवरी से उज्जैन दौरे पर हैं। यहां वे इस्कान मंदिर परिसर में ठहरे हुए हैं। संघ के मालवा प्रांत के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक और कुछ स्थानीय कार्यक्रम में संघ प्रमुख शामिल हुए हैं। मंगलवार को ही उन्होंने स्थानीय संघ कार्यालय में सिख समाज के नौवें गुरु गुरु तेगबहादुर के चित्र का अनावरण भी किया। विद्या भारती द्वारा 22 करोड़ रुपए खर्च कर प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया गया है। नाम सम्राट विक्रमादित्य भवन रखा गया है। इस भवन में संगठन का प्रांतीय कार्यालय भी संचालित होगा।
पूरे प्रांत से नगर, ग्रामीण, वनवासी और जनजातीय क्षेत्र के शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करने आएंगे। विषयवार हर शिक्षक को 15 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रांत प्रमुख पंकज पंवार ने बताया कि अब तक शिक्षक प्रशिक्षण व्यवस्था टुकड़ों में बंटी थी। अब इसका केंद्रीयकरण कर दिया है। पूरे प्रांत के शिक्षकों को एक ही जगह प्राकृतिक वातावरण के बीच प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनके लिए वृहद कम्प्यूटर लैब, लाइब्रेरी, ध्यान केंद्र की भी स्थापना की गई है।
भवन में एसी की जरूरत नहीं
विद्या भारती से जुड़े एक स्कूल के प्राचार्य महेंद्र भगत ने बताया कि सम्राट विक्रमादित्य भवन ग्रीन कंसेप्ट पर तैयार किया है। इसमें प्राकृतिक हवा, पानी, रोशनी का पर्याप्त इंतजाम है। इंजीनियरों ने कहा है कि भीषण गर्मी के वक्त भी यहां एयर कंडीशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। रात में रोशनी के लिए सोर ऊर्जा पैनल लगवाए हैं। भूजल पुनर्भरण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया है। भवन में 200 शिक्षकों के आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था है। 400 व्यक्तियों की क्षमता अनुरूप यहां आडिटोरियम और 500 लोगों की क्षमता अनुरूप भोजनालय बनाया है।
अप्रैल से प्रशिक्षण
अप्रैल से यहां प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। यहां 200 दिन प्रशिक्षण होगा। बता दें कि तीन साल पहले महंत रामनाथ जी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय संघ चालक अशोक सोहनी ने प्रशिक्षण केंद्र की नींव रखी थी।