स्वास्थ्य क्षेत्र में आईटी नवाचार- चिकित्सा मंत्री ने किया पीसीटीएस मोबाइल एप लांच

स्वास्थ्य क्षेत्र में आईटी नवाचार- चिकित्सा मंत्री ने किया पीसीटीएस मोबाइल एप लांच

प्रभावी मॉनिटरिंग से स्वास्थ्य सूचकांको में होगा बेहतरीन सुधार

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं  शिशुओं को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की ऑनलाईन ट्रेकिंग, रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग के लिए पीसीटीएस मोबाइल एप तैयार करवाया है जिसके माध्यम से प्रदेश की 53 हजार से ज्यादा आशाएं मोबाइल पर उनके क्षेत्र की महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं की डे-टू-डे रिपोर्टिंग कर सकेगी और इस कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बुधवार को इस एप को लॉंच किया और इससे संबंधित पोस्टर का विमोचन भी किया। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इस एप के माध्यम से राज्य की आशा सहयोगिनी बच्चों एवं महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं से पूरी तरह अपटेड रहेगी। उन्हें पता रहेगा कि किस दिन किन बच्चों और महिलाओं का टीकाकरण होना है या किसी अन्य सेवा का लाभ दिया जाना है। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं और बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जा सकेगा और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सूचकांकों में और सुधार होगा।

चंदवाजी पीएचसी पर कार्यरत एएनएम को फोन कर लिया फीडबैक

इस एप के माध्यम से प्रदेश की किसी भी आशा और एएनएम से विभाग के अधिकारी सीधी बात कर प्रगति रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। चिकित्सा मंत्री ने इस दौरान चंदवाजी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत एएनएम श्रीमती संजू गुर्जर से फोन पर बात की। चिकित्सा मंत्री ने एएनएम से संस्थान की ओपीडी, कार्यरत आशा सहयोगिनियों की रिपोर्ट एवं स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। एसीएस ने इस एप के बारे में एएनएम से पूछा तो एएनएम ने बताया कि महिलाओं एवं बच्चों के टीकाकरण सहित अन्य सेवाओं की ऑनलाईन एंट्री आदि कार्य इसके माध्यम से किये जा सकेंगे। एसीएस ने एएनएम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपको राज्य के लिए बेहतर काम करना है।

पीसीटीएस एप आशा सहयोगिनियों के लिए एक अभिनव पहल

मिशन निदेशक एनएचम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि यह एप प्रदेश की आशा सहयोगिनियों के कार्य को सुगम और प्रभावी बनाने के लिए विभाग की एक अभिनव पहल है जिसे एनआईसी राजस्थान और डेमोग्राफर अनुभाग के माध्यम से तैयार करवाया गया है। उन्होंने बताया कि उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेटा एंट्री की सुविधा के अभाव के कारण इससे पूर्व आशाओं को गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं शिशुओं को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के डेटा को अपने क्षेत्र की पीएचसी/सीएचसी/अन्य चिकित्सा संस्थान पर जाकर अपडेट करवाना पड़ता था जिससे समय पर ऑनलाईन सूचना भेजने में अनावश्यक विलम्ब होता था। इस एप के माध्यम से रियल टाईम सूचना प्राप्त हो सकेगी।

एप पर आशा द्वारा ये सेवाएं अपडेट की जाएगी

इस एप पर आशा द्वारा मासिक कार्य योजना, एएनसी, पीएनसी/एचबीएनसी, टीकाकरण, नसबंदी, अन्तराल साधन की सर्विसेज की नामवार सूची, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, प्रसव पश्चात देखभाल, शिशु टीकाकरण, बच्चों का ग्रोथ चार्ट, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर, बच्चों को 3, 6, 9, 12 व 15 माह पर दी जाने वाली एचबीवाईसी सेवाएं, महिला की पीसीटीएस आईडी को सर्च करने की सुविधा, सुझावपरक वीडियो, आशा को आशा सॉफ्ट के माध्यम से भुगतान की गयी प्रोत्साहन राशि का विवरण तथा रेफर करने हेतु नजदीकी संस्थाओं की जिओ मैपिंग के माध्यम से जानकारी की सेवाएं उपलब्ध होगी।

एप का क्रियान्वयन एवं कवरेज

प्रदेश के 14 हजार 843 उप स्वास्थ्य केन्द्र, 214 जनता क्लिनिक, 2 हजार 655 पीएचसी, 769 सीएचसी, 46 जिला अस्पताल, 67 उप जिला अस्पताल, 13 सैटेलाईट अस्पताल, 141 मेडिकल कॉलेज/सिटी डिस्पेंसरी तथा 47 अन्य चिकित्सा संस्थान एप के क्रियान्वयन एवं कवरेज में शामिल है। 

गौरतलब है कि पूर्व में विभाग द्वारा नवाचार के तहत वर्ष 2008 में पीसीटीएस सॉफ्टवेयर लांच किया गया था। इस दौरान यह देखा गया कि वर्ष 2008 में प्रदेश की शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जीवित जन्म पर 63 थी जो स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन व पीसीटीएस सॉफ्टवेयर की मदद से वर्ष 2020 में घटकर 32 प्रति हजार जीवित जन्म रह गयी। इसी प्रकार मातृ मृत्यु दर भी 318 से घटकर 113 रह गयी।

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