मध्यप्रदेश सांस्कृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम : अपर मुख्य सचिव शुक्ला

मध्यप्रदेश सांस्कृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम : अपर मुख्य सचिव शुक्ला

भोपाल, मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा एफआईसीसीआई वेडिंग टूरिज्म कमेटी के सहयोग से कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में “एम.आई.सी.ई. एवं वेडिंग टूरिज्म” विषय पर राउंडटेबल चर्चा हुई। कार्यक्रम का संचालन एफआईसीसीआई वेडिंग टूरिज्म कमेटी के चेयरमैन चेतन वोहरा ने किया।

अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के हृदय में स्थित है और देश के सभी प्रमुख महानगरों से सड़क, रेल एवं हवाई मार्ग से सुगमता से जुड़ा हुआ है। यहाँ अत्याधुनिक सम्मेलन केंद्रों, लक्ज़री होटलों, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम है, जो इसे वेडिंग एवं एमआईसीई इवेंट्स के लिए आदर्श गंतव्य बनाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन से जुड़े सभी हितधारकों के साथ मिलकर राज्य को ग्लोबल लेवल पर एक सस्टेनेबल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए तत्पर है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार प्राप्त सभी सुझावों पर विचार करेगी और आवश्यकतानुसार सहयोग करेगी जिससे यह क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न कर सके।

उपसंचालक (इवेंट्स एवं मार्केटिंग), मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम विवेक जुड ने प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में खजुराहो, मांडू, ओरछा, महेश्वर, भोपाल, पचमढ़ी और पेंच जैसे स्थानों को अंतर्राष्ट्रीय मानक के एमआईसीई और डेस्टिनेशन वेडिंग स्थलों के रूप में विकसित किया जा रहा है।कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए वेडिंग एवं एमआईसीई विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।

वेडिंग कनेक्शन्स एवं एएचए, जयपुर अमित हूडा ने राजस्थान के सफल अनुभव का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी राज्य में इस सेक्टर के विकास के लिए मजबूत कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरी है। सुएकता सैगल लुल्ला (ईएसएल इवेंट्स) ने सुझाव दिया कि राज्य में और अधिक ऐसे स्थलों को विकसित किया जाए जो विशिष्ट पहचान रखते हों, जिससे मध्यप्रदेश डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए वैश्विक आकर्षण का केंद्र बन सके। सुईशा अग्रवाल (वेडिंग चैप्टर्स) ने कहा कि इस क्षेत्र में आतिथ्य सेवाओं और स्वागत-संवेदना की बड़ी भूमिका होती है, अतः होटल व्यवसायियों के साथ परामर्श कर विवाह सीजन में दरों का समुचित निर्धारण करने की दिशा में पहल की जानी चाहिए।

विक्रमजीत शर्मा (ले फ्लोरेंस वेडिंग) ने कहा कि एक “वन स्टॉप अप्रूवल सिस्टम” विकसित करना आवश्यक है जिससे बड़े आयोजनों के लिए त्वरित अनुमति मिल सके और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजकों का विश्वास बढ़े। सुश्रुति सिंह (वेडिंग एवं ट्रैवल जर्नलिस्ट) ने कहा कि राज्य की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विशेषताओं के साथ इन्हें आधुनिक प्रचार माध्यमों पर प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की भी आवश्यकता है।

राजीव मल्होत्रा (सीईओ, लोटस एग्ज़िबिशन्स) ने राज्य में ट्रेड फेयर और प्रदर्शनियों की संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि स्थानीय क्षमताओं के अनुरूप आयोजन सुविधाओं को प्रोत्साहन दिया जाए, जिससे व्यापार और पर्यटन दोनों क्षेत्रों में वृद्धि हो सके। सूरज धवन (डायरेक्टर, फाल्कन एग्ज़िबिशन्स) ने बताया कि भारत विश्व के सबसे तेजी से विकसित होते एग्ज़िबिशन मार्केट्स में से एक है, जो लगभग 40 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है, अतः यह मध्यप्रदेश के लिए सही समय और सही अवसर है कि वह इस उभरते क्षेत्र का लाभ उठाए। इस अवसर पर ताज, मैरियट सहित प्रदेश के विभिन्न प्रमुख होटलों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। उन्होंने राज्य सरकार के साथ मिलकर वेडिंग एवं एमआईसीई टूरिज्म के क्षेत्र में सहयोग की इच्छा जताई और साझा रणनीति विकसित करने पर सहमति दी।