जबलपुर-ग्वालियर में भी लागू होगा पुलिस कमिश्नर सिस्टम!
ट्वीटर पर लिखा-मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा एक के बाद एक फैसले लिए जा रहे हैं। अब सीएम ने ऐलान किया है कि इंदौर-भोपाल की तर्ज पर जबलपुर औश्र ग्वालियर में भी पुलिस कमिश्रर सिस्टम लागू होगा। इस बात का एलान सीएम ने सोशल मीडिया एक्स के अपने अकाउंट पर किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध पर नकेल कसने के लिए लगातार कदम बड़े कदम उठा रहे हैं। सीएम ने इसे सुशासन और सुदृढ़ कानून व्यवस्था का संकल्प बताया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी। सुशासन एवं सुदृढ़ कानून व्यवस्था का है संकल्प भोपाल और इंदौर के बाद अब जबलपुर और ग्वालियर में लागू होगी कमिश्नर प्रणाली।
इंदौर-भोपाल में 2021 में हुआ लागू
इंदौर और भोपाल में 21 नवंबर 2021 को पुलिस कमिश्नर प्रणाली सिस्टम लागू किया गया था। पुलिस आयुक्त प्रणाली में इंदौर नगरीय पुलिस जिले में 36 थानों और भोपाल नगरीय पुलिस जिले में 37 थानों की सीमाओं को समाविष्ट किया गया था। दोनों शहरों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त हैं। दोनों महानगरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली के लिए अधिकारियों के पद और जोन का भी निर्णय किया है।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली
बड़े शहरों में अक्सर आपराधिक गतिविधियों की दर भी ज्यादा होती है। आपातकालीन परिस्थितियों में लोग इसलिए उग्र हो जाते हैं, क्योंकि पुलिस के पास तत्काल निर्णय लेने के अधिकार नहीं होते। कमिश्नर प्रणाली में पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के लिए खुद ही मजिस्ट्रेट की भूमिका निभाती है। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का अधिकार पुलिस को मिलेगा तो आपराधिक पृवत्ति के लोगों पर जल्दी कार्रवाई हो सकेगी।
फैसले लेने के लिए पुलिस स्वतंत्र
कमिश्नर सिस्टम से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के पास सीआरपीसी के तहत कई अधिकार आ जाते हैं। पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होते हैं। साथ ही साथ कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही भी बढ़ जाती है। दिन के अंत में पुलिस कमिश्नर, एसपी, पुलिस महानिदेशक को अपने कार्यालय की रिपोर्ट अपर मु य सचिव (गृह मंत्रालय) को देनी होती है। इसके बाद यह रिपोर्ट मु य सचिव को जाती है।