तिहाड़ जेल में कटटर ईमानदार केजरीवाल, नया ठिकाना जेल नं-2

तिहाड़ जेल में कटटर ईमानदार केजरीवाल, नया ठिकाना जेल नं-2

नई दिल्ली, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, संजय सिंह के बाद अब आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी तिहाड़ जेल पहुंच गए हैं। सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के 14 दिन के न्यायिक हिरासत के आदेश के बाद उनको भारी सुरक्षा के बीच तिहाड़ के जेल नंबर 2 में लाया गया है। उनको यहां 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है। देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में 2 नंबर जेल को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। जेल के आलाधिकारी यहां सख्त नजर रखते हैं। यही वजह है कि हाई प्रोफाइल लोगों को इसी जेल में लाकर कैद किया जाता है।

संजय सिंह को जेल नंबर 2 से जेल नंबर 5 में शिफ्ट किया 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल पहुंचने से पहले आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह को जेल नंबर 2 से जेल नंबर 5 में शिफ्ट किया गया। इस वक्त शराब घोटले में अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी तिहाड़ जेल में ही बंद है। इनमें मनीष सिसोदिया जेल नंबर 1 और सत्येंद्र जैन जेल नंबर 7 में बंद है। इसके अलावा तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के। चंद्रशेखर राव की बेटी के। कविता जेल नंबर 6 और आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी रहे विजय नायर जेल नंबर 4 में बंद है। तिहाड़ के जेल नंबर 4 में श्रद्धा मर्डर केस का आरोपी आफताब पूनावाला भी कैद है।

केजरीवाल की कराई गई मेडिकल जांच

तिहाड़ जेल में पहुंचने के बाद अरविंद केजरीवाल की मेडिकल जांच कराई गई। उनको उस बैरक में ले जाया गया, जहां वो अगले 14 दिन तक अकेले रहेंगे। यह बैरक करीब 14 फुट लंबा और 8 फुट चौड़ा है। इसमें एक सीमेंट का चबूतरा बनाया गया है, जिस पर बिछाने के लिए चादर और ओढने के लिए कंबल दिया गया है। बैरक में टीवी और टॉयलेट की भी सुविधा है। दो बाल्टियां भी दी गई हैं, जिसमें एक नहाने और दूसरी पानी रखने के लिए है। बैरक के बाहर चार सुरक्षाकर्मी हर वक्त तैनात रहेंगे। तिहाड़ की जेल नंबर 2 सजायाफ्ता कैदियों के लिए है। यहां सजा पाने के बाद ही कैदी को रखा जाता है।

बहुत दिलचस्प है तिहाड़ की जेल नंबर 2 की कहानी

तिहाड़ की जेल नंबर 2 की कहानी भी बहुत दिलचस्प है। यहां अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और बिहार के बाहुबली नेता मो। शहाबुद्दीन जैसे कुख्यात अपराधी कैद में रह चुके हैं। चूंकि इस जेल को सुरक्षा के लिहाज से चाक चौबंद माना जाता है, इसलिए ज्यादातर हाई प्रोफाइल लोगों को यहां पर लाया जाता है। साल 2015 में इंडोनेशिया से गिरफ्तार किए जाने के बाद छोटा राजन को भारत डिपोर्ट किया गया था। साल 2018 में उसको मुंबई के पत्रकार जेडे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा मिली थी। इसके बाद से ही उसे दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा गया था। कोरोना काल में उसकी मौत हो गई थी।

इस वजह से तिहाड़ जेल लाए गए थे मो शहाबुद्दीन

साल 2017 में बिहार के चर्चित तेजाब कांड में पूर्व सांसद मो। शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा मिली थी। उनको सीवान जेल में रखा गया था। उनके खिलाफ पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में भी केस चल रहा था। उसी समय राजदेव की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके अपनी जान का खतरा बताया था। आरोप था कि शहाबुद्दीन सीवान में रहे तो केस प्रभावित होगा। इसके बाद सुप्रीम आदेश के तहत उनको दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया। यहां उनको तन्हाई सेल में रखा गया था, जिसके खिलाफ भूख हड़ताल भी किया था। शहाबुद्दीन की भी बीमारी से मौत हो गई थी।

इसी तिहाड़ जेल में देश के सबसे खूंखार कैदी बंद 

तिहाड़ जेल देश ही नहीं पूरे साउथ ईस्ट एशिया की सबसे बड़ी जेल मानी जाती है। कहते हैं इसी तिहाड़ जेल में देश के सबसे खूंखार कैदी बंद हैं। इन कैदियों में खतरनाक आतंकियों से लेकर, अंडरवर्ल्ड डॉन और कई कुख्यात गैंगस्टर तक शामिल हैं। अब जब ये जेल इतने खतरनाक कैदियों का ठिकाना है, तो फिर इसकी सिक्योरिटी भी उतनी ही कड़ी होनी चाहिए। लेकिन इन दिनों तिहाड़ की ये सुरक्षा सिर्फ कागजों पर ही नजर आती है। कैदियों के बीच गैंगवार, कत्ल, नशे की बरामदगी से लेकर रिश्वतखोरी तक। तिहाड़ के माथे पर एक नहीं सैकड़ों कलंक हैं। इन तमाम कलंकों के पीछे तिहाड़ का एक दिलचस्प इतिहास भी है।

यहां कैद में रहते हैं खूंखार और कुख्यात बदमाश

तिहाड़ एक ऐसा लफ़्ज, जिसके कानों में पड़ते ही ऊंची-ऊंची दीवारों, कंटीले तारों और हर तरफ पुलिस वालों से घिरी एक ऐसी जगह की तस्वीर जेहन में उभरती है, जहां कोई नहीं जाना चाहता। वजह ये कि ये जगह इंसान से सांसों के बाद उसकी दूसरी सबसे कीमती चीज यानी उसकी आज़ादी छीन लेती है। वजह ये कि इस इमारत के अंदर रहनेवाले तमाम लोग दुनियावी जिंदगी की छोटी-बड़ी सुविधाओं और कई बार बुनियादी जरूरतों तक से महरूम रह जाते हैं। वजह ये कि यहां देश के एक से बढ़ कर एक छंटे हुए और खूंखार बदमाश यहां रहते हैं और वजह ये कि यहां एक बार जाने पर बदनामी ताउम्र इंसान का पीछा करती है।

तिहाड़ जेल इस वक्त करीब 18 हजार बंदियों, 30 छोटे बड़े क्रिमिनल 

तिहाड़ जेल इस वक्त यदि वहां रहने वाले करीब 18 हजार बंदियों, 30 छोटे बड़े क्रिमिनल गैंग्स के सरगनाओं और गुर्गों, आतंकियों और अलग-अलग किस्म के समाज कंटकों को मैनेज करने की चुनौती से रोजाना जूझता है, तो भ्रष्टाचार के आगे रोज़ मलिन पड़ती अपनी छवि को बचाने की समस्या से भी दो-चार होता है। जहां तिहाड़ को लेकर ये धारणा तेजी से बनने लगी है कि ये जेल, अब जेल ना रह कर एक मज़ाक बन कर रह गई है। साल दर साल तिहाड़ की चारदिवारी से छन-छन कर आती कभी गैंगवार, तो कभी क़त्ल की खबरें। कैदियों के ऐशो-आराम की तस्वीरें ने वाकई तिहाड़ जेल की साख पर बट्टा लगा दिया है।  

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