इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया
भोपाल। इस बार शरद पूर्णिमा पर अमृत बरसा नहीं हो पाएगी। दरअसल इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ज्योतिष के जानकार आचार्य कमलेश जोशी के अनुसार पंचांग के मुताबिक आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। ऐसे में चंद्रमा की 16 कलाओं की आभा पृथ्वी के हर जीव पर अपना असर दिखाती है।
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृत बरसाती हैं
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात ऐसी रात होती है, जब चंद्रमा की किरणें अमृत बरसाती हैं। यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। ताकि चंद्रमा की चांदनी से मिलने वाला अमृत उस खीर में सेहत घोल दे। दरअसल मान्यता यह भी है कि शरद पूर्णिमा पर रातभर चांद की रोशनी में खीर रखने से उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। फिर अगले दिन सुबह इस खीर का सेवन करने पर सेहत अच्छी रहती है।
29 अक्टूबर की रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा चंद्र ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर की रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। चंद्र ग्रहण मध्यरात्रि में पड़ रहा है लेकिन इसका सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर के बाद से ही शुरू हो जाएगा। शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया इस बार नौ साल के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है और यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की घटना शुभ नहीं मानी जाती। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा-अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही संपन्न कर लिए जाएंगे।