Tokyo Paralympics: भारतीय पैरा एथलीटों का दिखेगा दम

Tokyo Paralympics: भारतीय पैरा एथलीटों का दिखेगा दम

नई दिल्ली। भारत की नजरें मंगलवार से शुरू हो रहे पैरालंपिक खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर रहेंगी। 54 खिलाड़ियों का भारतीय दल पहली बार दोहरे अंक में पदक दिला सकता है। पैरालंपिक के दौरान 163 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ी 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे। पैरा खिलाड़ी 8 अगस्त को संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक की सफलता को आगे बढ़ा पाएंगे। भारत ने इस बार ओलंपिक में 1 स्वर्ण, 2 रजत सहित कुल 7 पदक जीते थे। दरअसल, भारतीय खिलाड़ियों से अभूतपूर्व सफलता की उम्मीद है। विश्व रैंकिंग में चार भारतीय नंबर एक पर काबिज हैं, जबकि छह खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग दूसरी है। करीब 10 खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग तीन है।

पैरालंपिक में कुल 12 पदक जीत चुका है भारत
भारत ने 1968 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था और तब से इन खेलों में कुल 12 पदक जीत चुका है। अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है, तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है. भारत 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ 43वें स्थान पर रहा था। रियो 2016 पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता स्टार भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया और ऊंची कूद के स्टार मरियप्पन थंगावेलू भारत के अब तक के सबसे बड़े दल की अगुआई करेंगे। भारत को इन खेलों में पांच स्वर्ण पदक सहित कम से कम 15 पदक की उम्मीद है।

भारत के ये पैरा एथलीट दिखाएंगे जलवा
बचपन में करंट से अपना बायां हाथ गंवाने वाले देवेंद्र झाझरिया 40 साल की उम्र में स्वर्ण पदक की हैट्रिक के सबसे मजबूत दावेदार हैं, वह एफ-46 वर्ग में 2004 और 2016 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और मौजूदा विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। वहीं पांच साल की उम्र में घुटने से नीचे का पैर बस से कुचले जाने के बाद स्थाई रूप से दिव्यांग हुए मरियप्पन एक अन्य भारतीय पैरा खिलाड़ी हैं, जो 2016 में टी-63 ऊंची कूद में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने उतरेंगे। वह अभी दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं। वह मंगलवार को उद्घाटन समारोह के दौरान देश के ध्वजवाहक भी होंगे। विश्व चैम्पियन संदीप चौधरी (एफ-64 भाला फेंक) 24 सदस्यीय पैरा एथलेटिक्स टीम में स्वर्ण पदक के तीसरे दावेदार हैं। वह दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। पैरा एथलेटिक्स में पदक के अन्य दावेदार गत विश्व चैम्पियन सुंदर सिंह गुर्जर और अजीत सिंह (दोनों एफ-46) तथा नवदीप सिंह (एफ-41) हैं। ये तीनों भाला फेंक के खिलाड़ी हैं। 

10 पदकों की उम्मीद 
भारतीय पैरालंपिक समिति को पैरा खिलाड़ियों से कम से कम 10 पदकों की उम्मीद है। भारत को अपने निशानेबाजों और तीरंदाजों से भी पदक की उम्मीद है। तीरंदाजी में भारत की ओर से राकेश कुमार और श्याम सुंदर (कंपाउंड), विवेक चिकारा और हरविंदर सिंह (रिकर्व) और महिला तीरंदाज ज्योति बालियान (कंपाउंड व्यक्तिगत और मिश्रित स्पर्धा) चुनौती पेश करेंगे।

पैरालंपिक में बैडमिंटन का होगा पदार्पण
बैडमिंटन टोक्यो खेलों के दौरान पैरालंपिक में पदार्पण करेगा और इसमें भारत की पदक जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और कई बार के विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत पुरुष एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक के मजबूत दावेदार हैं। दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी कृष्णा नागर (एसएच 6) और तरुण ढिल्लों (एसएल 4) से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। दो बार की पूर्व विश्व चैम्पियन पारुल परमार और युवा पलक कोहली (एसएल 3-एसयू 5) से महिला वर्ग में पदक की उम्मीद है। इसके अलावा भारतीय खिलाड़ी पैरा कैनोइंग, पैरा तैराकी, पैरा पावरलिफ्टिंग, पैरा टेबल टेनिस और पैरा ताइक्वांडो में भी हिस्सा लेंगे। पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल और सोनल पटेल 25 अगस्त को भारतीय अभियान की शुरुआत करेंगी।