एआईसीटीई ने प्रवेश और डिग्री के बदले नियम, अब एमसीए दो साल में

एआईसीटीई ने प्रवेश और डिग्री के बदले नियम, अब एमसीए दो साल में
भोपाल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एमसीए (मास्टर आफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन) प्रवेश और डिग्री देने में काफी परिवर्तन किए हैं। तीन वर्षीय एमसीए की डिग्री की समय अवधि दो वर्ष कर दी गई हे। इससे प्रवेश की स्थिति में सुधार होगा। एआईसीटीई एमसीए तीन वर्षीय पीजी डिग्री में एक साल की कटौती कर दो साल का कर दिया है। इससे गत वर्ष 2800 सीटों में से 2200 विद्यार्थियों ने दाखिला दिया था। मतलब करीब 80 फीसदी प्रवेश हुए थे। आगामी सत्र 2021-22 में विद्यार्थियों के बेहतर प्रवेश हो सकते हैं। यूजी करने के बाद पीजी के तीन वर्षिय कोर्स में कोई विद्यार्थी प्रवेश नहीं लेता है।

आवेदन तीस अप्रैल तक जमा होंगे

इसके चलते एमसीए में साल दर साल प्रवेश कम होते-होते दस प्रवेश का ग्राफ दस फीसदी तक आकर ठहर रहा था। प्रवेश कम होने से कालेज भी कोर्स बंद करने एआईसीटीई को एप्लाई तक कर रहे हैं, लेकिन दो वर्षिय कोर्स होने से कालेजों ने दोबारा से एमसीए में प्रवेश खोलने के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है। ये आवेदन तीस अप्रैल तक जमा होंगे।

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एक वर्ष की कटौती होने से सूबे में प्रवेश की स्थिति में सुधार भी होगा। वहीं तकनीकी शिक्षा विभाग सत्र 2021-22 में तीन वर्ष और दो वर्षीय लेटरल एंट्री की काउंसलिंग नहीं कराएगा।

विद्यार्थी दो वर्षीय डिग्री में ज्यादा रुचि दिखा रहे

बीसीए, बीएससी आईटी, बीएससी सीएस के डिग्री होल्डर लेटरल एंट्री एमसीए के द्वितीय वर्ष में प्रवेश लेते थे। जहां कंपनियां ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही हैं। जबकि 12वीं में मैथ्स से पास करने के बाद ग्रेजुएट के साथ तीन वर्षीय एमसीए से डिग्री लेने वालों को कंपनियां अच्छे पैकेज पर ले रही हैं। विद्यार्थी दो वर्षीय डिग्री में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। दो वर्षीय डिग्री करने पर विद्यार्थियों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। एआईसीटीई ने विद्यार्थियों का समय और रुपए बचाने एमसीए दो वर्षीय कर दिया है। इसके तहत राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्याय सिलेबस तैयार कराएगा।