BSP के ठेका श्रमिकों ने मांगा 18 हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी, 8 व 9 जनवरी को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल

BSP के ठेका श्रमिकों ने मांगा 18 हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी, 8 व 9 जनवरी को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल

भिलाई
भिलाई इस्पात संयंत्र के ठेका श्रमिकों ने समान काम समान वेतन, 18 हजार न्यूनतम मजदूरी, रोजगार गारंटी जैसे मुद्दों को लेकर 8-9 जनवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है। संयंत्र में ठेका श्रमिक से नियमित कर्मचारी के समान काम लिया जा रहा हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सामान वेतन उनका हक है, लेकिन न तो ठेकेदार भुगतान करते हैं और न ही संयंत्र प्रबंधन इसको लेकर कोई पहल करता है। शासन के नुमाइंदों ने भी मुंह फेर लिया है।

हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन सीटू के महासचिव योगेश सोनी ने बताया कि इससे पहले 26 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ठेका श्रमिक ही क्यों, सभी तरह के श्रमिक यदि समान काम करते है तो उनको समान वेतन मिलना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि कम पैसे में अस्थाई कर्मचारी से काम कराना मानव अधिकारों का हनन है। वरिष्ठ श्रमिक नेता पीके मुखर्जी ने बताया कि सरकारी विभागों सहित पब्लिक सेक्टरों में तकरीबन 60 प्रतिशत पद पर अस्थाई कर्मचारियों से न्यूनतम वेतन से भी कम पर काम लिया जा रहा है।

क्रेन ऑपरेटर, लोको ऑपरेटर, शंटिंग स्टाफ, पुल पिट ऑपरेशन जैसे संयंत्र के आधे से अधिक कार्य आज ठेका श्रमिकों के भरोसे है किंतु उन्हें न न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है। न ही समय पर वेतन । यूनियन के कोषाध्यक्ष कमलेश चोपड़ा ने बताया कि संयंत्र केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है लेकिन यहां श्रमिकों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन दिया जा रहा है। अध्यक्ष जमील अहमद ने श्रमिकों से हड़ताल में शामिल होने आह्वान किया।

हड़ताल में शामिल होने जुटा रहे समर्थन 
बीएसपी के तमाम गेटों पर इन दिनों श्रमिक नेता पर्चा वितरण कर रहे हैं। यह 8 व 9 जनवरी 2019 को होने वाली हड़ताल के समर्थन में बांटे जा रहे हैं। संयुक्त अभियान के तहत गुरुवार को बोरिया गेट व मेनगेट पर सभी यूनियन के सक्रिय कार्यकर्ताओं ने पर्चे बांटकर कर्मियों से हड़ताल में शामिल होने मांग की। पर्चे में संयंत्र को बड़े पूंजीपतियों के हाथों बेचने से बचाने के लिए सभी को आगे आने की बात कही गई है। इसमें केंद्रीय यूनियन एटक, एचएमएस, सीटू, एक्टू व स्टील वर्कर्स यूनियन शामिल हैं।