dilip pancholi
खरगोन। शहर के सनावद रोड़ स्थित श्री छत्रधारी खेड़ापति हनुमान मंदिर बैलमार्ग बलवाड़ी पर चल रही तीन दिवसीय संगीतमय श्री सुंदरकांड कथा का रविवार को अन्नकूट महोत्सव के साथ समापन हुआ।

यहां महामंडलेश्वर श्री नरसिंहदास, महंत परमानंददास महाराज आदि के सानिध्य में सुबह श्री छत्रपति खेड़ापति हनुमानजी की प्रतिमा का विशेष पूजन. अर्चन कर छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। इसके बाद अन्नकूट महोत्सव के तहत भंडारा प्रसादी का आयोजन हुआ, जिसमें सैंकड़ों भक्तों ने कथा श्रवण के बाद भंडारा प्रसादी ग्रहण की।
श्री सुंदरकांड कथा के तीसरे व अंतिम दिन आचार्य अनिल शास्त्री उज्जैन ने सुंदरकाण्ड में श्रीहनुमानजी का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के घटनाक्रमों का मनोहारी वर्णन श्रोताओं को सुनाया। पंडित शास्त्री ने कहा कि बल, बुद्धि, विद्या के दाता हनुमान जी की पूजा से से व्यक्ति जीवन के हर संकट से मुक्ति पा लेता है। जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक सुंदरकांड का पाठ करता है तो उसके सारे मनोरथ पूर्ण होते है। उसके जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं।