दावेदारों ने डाला दिल्ली में डेरा दो को जारी हो सकती है कांग्रेस और भाजपा की पहली सूची

दावेदारों ने डाला दिल्ली में डेरा दो को जारी हो सकती है कांग्रेस और भाजपा की पहली सूची
khemraj mourya शिवपुरी। दो नवम्बर से विधानसभा चुनाव हेतु नामांकन फार्म भरने का सिलसिला जिला मुख्यालय पर शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी तक न तो कांग्रेस और न ही भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी की है। हालांकि बसपा और आम आदमी पार्टी ने उम्मीद्वारों की घोषणा करना शुरू कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में दोनों दलों की सूचियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक एक नवम्बर को है। भाजपा सूत्र बताते हैं कि 1 नवम्बर को देर रात्रि अथवा 2 नवम्बर को भाजपा 125 उम्मीद्वारों की पहली सूची जारी कर सकती है। वहीं कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बैठक भी 1-2 नवम्बर को होने की उम्मीद है। टिकटों की लड़ाई अब दिल्ली पहुंच गई है और दोनों दलों के टिकटों के दावेदारों ने दिल्ली में डेरा डाल लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल में मप्र चुनाव समिति की बैठक में 230 में से 125 सीटों पर सिंगल नाम तथा 25 सीटों पर दो नामों के पैनल तैयार किए गए। इस सूची को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंच गए हैं और उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से सूची के संबंध में मार्गदर्शन भी लिया है। सूत्र बताते हैं कि अमित शाह ने कुछ सांसदों को टिकट दिए जाने को हरी झण्डी भी दिखाई है। वहीं नेताओं के रिश्तेदारों या पुत्रों को टिकट की मांग पर यह निर्देश दिए गए हैं कि सीट खाली करने पर ही उनके रिश्तेदारों के नाम पर विचार किया जाएगा। जहां तक शिवपुरी का संबंध है तो शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक और केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का सिंगल नाम पैनल में गया है। जबकि पोहरी विधानसभा क्षेत्र से पैनल में वर्तमान विधायक प्रहलाद भारती के साथ पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे का नाम भी है। श्री भारती के नाम की पैरवी स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और यशोधरा राजे सिंधिया कर रही हैं। जबकि श्री बिरथरे के लिए पैरवी पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमाभारती ने की है। बताया जाता है कि पोहरी सीट पर दोनों में से किसे टिकट दिया जाए इसका निर्णय केन्द्रीय चुनाव समिति करेगी। कोलारस से पैनल में सबसे पहला नाम पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी का है जिनके पक्ष में सर्वे रिपोर्ट है और अभी तक आसार यही है कि उनका टिकट लगभग तय है। करैरा से पूर्व विधायक रमेश खटीक और ओमप्रकाश खटीक तथा उनके सुपुत्र राजकुमार खटीक का नाम पैनल में है। पिछोर विधानसभा क्षेत्र से 2013 के विधानसभा चुनाव में पराजित हुए प्रीतम लोधी का सिंगल नाम है। भाजपा की पहली सूची में जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी घोषित होने के आसार हैं। कांग्रेस में संसदीय बोर्ड की बैठक 1 और 2 नवम्बर को प्रस्तावित है जिसके लिए चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ दिल्ली पहुंच गए हैं। कांग्रेस टिकट के शिवपुरी जिले की तीन विधानसभा क्षेत्रों के दावेदार दिल्ली पहुंच गए हैं और वे अपने-अपने गॉडफादर से संपर्क में जुटे हुए हैं, लेकिन वहां से उन्हें आश्वासन के स्थान पर यही कहा जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टिकट का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं करेंगे। कांग्रेस और भाजपा में सर्वाधिक घमासान पोहरी सीट पर पोहरी विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों में सर्वाधिक घमासान देखने को मिल रहा है। यह तय है कि इस सीट पर दोनों दल या तो ब्राह्मण अथवा धाकड़ प्रत्याशी पर दांव लगाएंगे, लेकिन कौन सा दल किस जाति के उम्मीद्वार को टिकट देगा यह अभी तय नहीं है। कांग्रेस को इस सीट पर 1993 से विजय हासिल नहीं हुई है। जबकि भाजपा को 1998, 2008 और 2013 के चुनाव में पोहरी से जीत हासिल हुई थी। पिछले दो चुनावों से लगातार जीत रहे विधायक प्रहलाद भारती इस बार फिर प्रमुख दावेदार हैं, परंतु पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे भी टिकट की दौड़ में हैं। ऐसी स्थिति में यदि कांग्रेस ने पहले सूची घोषित कर धाकड़ उम्मीद्वार को टिकट दिया तो नरेन्द्र बिरथरे की लॉटरी खुल सकती है। कांग्रेस में भी कल से टिकट के दावेदारों में घबराहट का वातावरण है। पोहरी से भाजपा टिकट की मांग कर रहे पूर्व राज्यमंत्री डॉ. गुलाब सिंह किरार की वापसी से टिकट के दावेदारों को अपने टिकट के प्रति आशंका उत्पन्न हो गई है, लेकिन डॉ. गुलाब सिंह को टिकट मिलेगा इसकी संभावना काफी कम है, क्योंकि वह व्यांपम घोटाले के आरोपी हैं और उन्हेें टिकट देकर कांग्रेस एक नया संकट अपने सिर नहीं लेना चाहेगी। कांग्रेस में पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला और सुरेश राठखेड़ा टिकट की दौड़ में माने जा रहे हैं। हालांकि अन्य प्रत्याशी भी समीकरणों को बदलने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।