CM हेल्पलाइन बना मजाक, साढ़े सात हजार शिकायतों का नहीं हुआ निराकरण
सीधी
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में सीएम हेल्पलाइन मजाक साबित हो रही है. जिले में करीब साढ़े सात हजार से ज्यादा की संख्या में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. जिले के आला अधिकारी इसे जी का जंजाल मानते हैं. सौ से ज्यादा सरकारी विभागों में खाद्य, राजस्व, पुलिस, उर्जा और पंचायत जैसे दर्जन भर विभागों की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है.
सीधी जिले के अधिकांश विभागों पर फोकस किया जाए तो राजस्व विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर मिलती है. विभाग में करीब 861 से ज्यादा शिकायतें लंबित पड़ी है. उर्जा विभाग इस मामले में दूसरे पायदान पर है, यहां 815 शिकायतें लंबित पड़ी है. पुलिस महकमें में 626 और वित्त विभाग में 457 शिकायतें लंबित पड़ी है जिन पर किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की. इन समस्याओं का निस्तारण छोड़ी किसी अधिकारी ने इन पर निगाहें तक नहीं मारी. मध्य प्रदेश राष्ट्रीय उद्यान भी लोगों की समस्याओं की जंजीर से जकड़ा हुआ है यहां पर 371 समस्याएं है जो निस्तारण की बाट जोह रही है.
सीएम हेल्पलाइन के तहत पंचायती राज विभाग में 325 समस्याएं लंबित है तो पीएचई में 293 शिकायतों की फाइलें पेंडिंग है, लेकिन जिले के प्रशासनिक अधिकारी सीएम हेल्पलाइन में लंबित पड़े प्रकरणों का निराकरण में बिल्कुल रुचि नहीं दिखाई दे रही है. जिले के विभागिय अधिकारियों द्वारा ज्यातातर शिकायतों का फर्जी निराकरण कर शिकायतकर्ता को धत्ता बता रहे हैं. मामले में जिला कलेक्टर दिलीप कुमार ने सभी अधिकारियों को जल्द से जल्द समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं.