धनतेरस से भैया दूज तक पांच दिन का होता है दिवाली का त्योहार

धनतेरस से भैया दूज तक पांच दिन का होता है दिवाली का त्योहार
दिवाली का त्योहार मुख्य रूप से पांच दिन का होता है. इसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और इसका समापन भैया दूज के साथ होता है. इस बार ये पर्व चार दिनों का रहने वाला है. छोटी दिवाली और दीपावली एक साथ ही रहेगी. इसके बाद गोवर्धन पूजा और भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा. आइए जानते हैं दिवाली के त्योहार की तैयारी कैसे की जाती है. कैसे करें दिवाली की तैयारी
  • दिवाली और धनतेरस से पहले ही घर को अच्छी तरह से साफ कर लें. दीवारों पर रंगाई-पुताई का कार्यक्रम धनतेरस से पहले समाप्त हो जाना चाहिए.
  • घर में इस्तेमाल न होने वाले कपड़े और जूते-चप्पल हटा बाहर कर दीजिए. मुख्य द्वार पर भी ऐसी चीजें रहना शुभ नहीं होता है.
  •  मुख्य द्वार पर कभी अंधेरा न रहने दें. इस स्थान पर दिये की रोशनी होना काफी शुभ माना जाता है. इसलिए दिवाली से पहले और दिवाली के बाद घर के बाहर भी उजाला रखें.
  • पूजा के स्थान से पुराने चित्र और मूर्तियां भी हटा दें. फटे हुए चित्र और टूटी हुई मूर्तियों को घर में बिल्कुल स्थान न दें. इन चित्रों और मूर्तियों का विसर्जन भैया दूज के बाद करें.
  • अगर पूजा स्थल पर कोई मूर्ति नहीं हैं तो उस स्थान पर दीपक जलाकर ईश्वर की उपासना करें.
  • अगर किसी नई मूर्ति या सामान की खरीदारी करते हैं तो उसे पूजा स्थान पर रखते जाएं. दीपावली पूजन के बाद इन चीजों का इस्तेमाल करना आरंभ करें.
  • यदि दिवाली पर किसी को उपहार देने का मन बना रहे हैं तो ये काम दिवाली से पहले कर लीजिए. त्योहार के दिन किसी को गिफ्ट या पैसे देने से बचें
घर के मुख्य द्वार को विशेष रूप से साफ रखें. इस स्थान पर प्रकाश की उत्तम व्यवस्था रखें. यदि नए वस्त्र खरीदे हैं तो उन्हें पहनकर ही पूजा करें. वस्त्रों का रंग नीला, काला या भूरा नहीं होना चाहिए. दीपावली की सफाई अगर किसी से करवाते हैं तो उसे कुछ धन अवश्य दें.