FATF ने पाकिस्तान को आखिरी टेरर टेस्ट के लिए अक्टूबर तक का समय दिया
वाशिंगटन
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के अपने ऐक्शन प्लान को पूरा करने के लिए पाकिस्तान के पास अक्टूबर तक का समय है। अगर पाकिस्तान इसमें कामयाब नहीं होता है, तो अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था ‘फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) उसे डाउनग्रेड कर 'ब्लैक' लिस्ट में डाल देगा। बता दें कि गत शुक्रवार को हुई FATF की मीटिंग में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है।
फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग पर अपने ऐक्शन प्लान को पूरा करने में विफल रहा है।एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने या फिर कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है। अगर पाकिस्तान ऐसा करने में कमायाब नहीं होता है, तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।
फ्लोरिडा के ओरलैंडो में आयोजित बैठक के समापन पर जारी एक बयान में एफएटीएफ ने चिंता व्यक्त की है कि 'न सिर्फ पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी ऐक्शन प्लान को पूरा करने में विफल रहा है, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है।’ एफएटीएफ ने ‘कड़ाई’ से पाकिस्तान से अक्टूबर 2019 तक अपने ऐक्शन प्लान को पूरा करने को कहा है।
पाकिस्तान पिछले एक साल से FATF की ग्रे लिस्ट में है और उसने FATF से पिछले साल जून में ऐंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग मेकेनिज्म को मजबूत बनाने के लिए उसके साथ काम करने का वादा किया था। तब उनके बीच तय समय सीमा के अंदर 10-पॉइंट ऐक्शन प्लान पर काम करने की सहमति बनी थी। ऐक्शन प्लान में जमात-उद-दावा, फलाही-इंसानियत, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों की फंडिंग पर लगाम लगाने जैसे कदम शामिल थे।