एफआईआर नहीं हुई तो आमरण अनशन

एफआईआर नहीं हुई तो आमरण अनशन
khemraj mourya शिवपुरी। सोमवार की रात को कर्मचारी नेता राजेंद्र पिपलौदा के न्यू शिव कॉलोनी स्थित निवास स्थान पर शराब के नशे में धुत्त पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए हमले के मामले में पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने दो आरक्षकों दीपू उर्फ छोटू चौहान और रूद्रप्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है, लेकिन इस मामले में पुलिस ने अभी कोई एफआईआर कायम नहीं की है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेंद्र पिपलौदा ने कहा कि निलंबन कोई सजा नहीं है और इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि यदि दो दिन के भीतर हमलावरों पर एफआईआर नहीं हुई तो वह कर्मचारी कांग्रेस के बैनर तले एसपी ऑफिस के सामने आमरण अनशन करेंगे। इस मामले को लेकर कांगे्रस में भी गहन आक्रोश है। श्री पिपलौदा संासद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकी हैं और हाल ही में उन्होंने अपने निवास स्थान पर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुख्य आतिथ्य में सेवानिवृत कर्मचारियों और अधिकारियों का सम्मान समारोह आयोजित किया था। पुलिस पहले कार्यवाही करती तो वारदात नहीं होती न्यू शिव कॉलोनी में स्थित मनीष शिवहरे के मकान में शराबखोरी और अय्याशी की शिकायत कॉलोनीवासियों ने दो माह पहले भी पुलिस में की थी। श्री शिवहरे के मकान में आरक्षक दीपू उर्फ छोटू चौहान किराये से रहता है। शायद इसी कारण पुलिस ने इस शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यदि पुलिस उस समय इस मामले पर गंभीरता दिखाती और कार्यवाही करती तो मंगलवार को हुई शर्मनाक घटना नहीं घटित होती।