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टीकमगढ़, बड़ागांव धसान नदी के आस-पास के क्षेत्रों में अवैधानिक तरीके से रेत का अवैध उत्खन्न एवं परिवहन किया जा रहा है जिसकी वजह से कई क्षेत्रों से भारी वाहन एवं मशीने जाने के कारण नदी के किनारे टूट गये है और मिट्टी भिसक गई है।

धसान नदी में बड़े लंबे क्षेत्रफल में फैली हुई है और कई तरफ से नदी की पहुंच तक जाने के रास्तें बना लिये गये है और निरंतर अवैधानिक तरीके से रेत का अवैध उत्खनन किया जारहा है। जबकि रिजर्व फॉरेस्ट द्वारा प्रतिबंध क्षेत्र में भारी वाहन आते जाते देखे गये है। माईनिंग विभाग की उदासीनता कहे या मिलीभगत के कारण यह जानकारी मे होते हुये भी रेत के अवैध कारोबार पर प्रतिबंध लगाने में निरंतर असफल हो रहे है। और हर तरह से नदियों एवं तालाबों का दोहन किया जा रहा है और माईनिंग विभाग और खनिज इस पर प्रतिबंध लगाने में असफल हो रहे है।
बड़ागांव धसान नदी में रेत के अवैध उत्खनन को लेकर पूरे जिलें में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि रात 8 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक निरंतर रेत का अवैध उत्खनन जारी रहता है। और गाड़ी सीधी सागर की ओर निकल जाती है।
इस मामले में खनिज अधिकारी से बात करनी चाही तो उनका मोबाइल बंद आता रहा है। चुप रहना लाख बला को टालता है।
हालांकि समाचार छपने के बाद एक कार्यवाही जो पुलिस और प्रशासन के द्वारा की गई थी वह ओरछा की सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जाती है उसके बाद पुन: कई नदियो के घाट से रेत माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन चालू कर दियाग या है और हैरान करने वाली बात यह है कि माईनिंग विभाग के निरीक्षक या अधिकारी से बात करो तो वह यह कहते है कि अरे हमे तो पता नही है आप कहते है तो हम जांच करवा लेते है अपना पल्ला झाड़ते हुये रेत के अवैध उत्खनन करने वाले माफियों से सांठगांठ कर मलाई छानते है और सरकार को राजस्व का करोड़ो का चूना लगाते है। अधिकारी कहते है कि हम तो बाहर से आये चैत काटने हम तो है चैतुआ मीत, खाई गकईया गाये गीत जै चले चैतुआ मीत। हमे विकास से क्या लेना देना फसल काट कर चले जायेगे।