मंडला के 101वें कलेक्टर बने जगदीश चंद्र जटिया

मंडला के 101वें कलेक्टर बने जगदीश चंद्र जटिया

मंडला के 101वें कलेक्टर बने जगदीश चंद्र जटिया

जिला पंचायत मंडला के सीईओ रह चुके है श्री जटिया

jagdish-chandra-jatiya-becomes-mandlas-101st-collector Syed Javed Ali मंडला - शुक्रवार को मंडला जिले के नवागत कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया ने जिले के 101वें कलेक्टर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। श्री जटिया 1992 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा और 2009 बैच के भारत प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। इससे पहले ये साल 2007 से 2010 में जिला पंचायत मंडला के ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी रह चुके है। उन्होंने 2010 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के कलेक्टर अनय द्विवेदी का स्थान लिया। श्री द्विवेदी उप सचिव के रूप में मंत्रालय भोपाल स्थानांतरित हुए हैं। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मंडला जिले में मै दोबारा आया हूं। मंडला जिले के लिए जितना बन सकेगा उससे ज्यादा काम करूंगा। इसके अलावा नागरिकों से शहर के विकास के लिए सुझाव लूंगा और उसे अमल में लाकर काम करूंगा। jagdish-chandra-jatiya-becomes-mandlas-101st-collector 14 अगस्त 2018 को जिले के कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण करते ही अनय द्विवेदी इतिहास में अंकित हो गए थे । अनय द्विवेदी ने 100वें कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया था। मंडला के पहले वे हरदा जिले के कलेक्टर थे। अनय द्विवेदी ने सूफिया फारूकी वली की जगह ली थी। पिछले कुछ सालों में लोकेश जाटव के अलावा जिले ने जल्दी - जल्दी कई कलेक्टर देखे। स्वाति मीणा, प्रीती मैथिल नायक, सूफ़िया फ़ारूक़ी के बाद अनय द्विवेदी भी जिले के 100वें कलेक्टर होने के बावजूद बिना लम्बी पारी खेले उम्मीद के पहले विदा हो गए। उनका कार्यकाल करीब 5 माह ही रहा। अपनी कार्यप्रणाली और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के चलते वे जल्द ही काफी लोकप्रिय हो गए थे। यह है मंडला कलेक्टर्स की हिस्ट्री - मंडला के जिला बनने के बाद वर्ष 1860 से जिले में कलेक्टर्स के बैठने का सिलसिला शुरू हुआ। 1860 के बाद से अनय द्विवेदी 100वें कलेक्टर है, जबकि आजादी के बाद के कलेक्टर्स में उनकी गिनती 48वे नंबर पर है। 1860 में कैप्टन वैडिंग्टन मंडला के पहले कलेक्टर रहे है। 1860 से 1875 तक केवल अंग्रेज अधिकारीयों ही कलेक्टर के रूप पदस्थ किया जाता रहा है। 1876 से अंग्रेज अधिकारियों के साथ - साथ भारतीय आईसीएस अधिकारीयों भी बतौर कलेक्टर बनाया जाने लगा। आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 से पदभार ग्रहण करने वाले पहले कलेक्टर रहे एम डी सगने। महिलाओं के लिए मुफीद नहीं रहा मंडला - यदि मंडला में कलेक्टर्स के इतिहास पर नज़र डाले तो पता चलता है कि स्थिरता के हिसाब से मंडला महिलाओं के लिए मुफीद नहीं रहा। वही इसके विपरीत अनेक पुरुष कलेक्टर्स ने यहाँ लम्बी पारी खेली है। कुछ तो 3 साल से भी अधिक समय तक बतौर कलेक्टर पदस्थ रहे है। जिले के इतिहास में आजादी के बाद से केवल 5 महिला कलेक्टर को ही जिले की कमान मिली है। 1974 में श्रीमती शशि जैन करीब 4 माह तक मंडला की कलेक्टर रही है। उनके बाद 1989 में श्रीमति सुरंजना रे करीब 7 माह तक मंडला की कलेक्टर रही। जिले की तीसरी महिला कलेक्टर सुश्री स्वाति मीणा रही। 2012 में जिले की कमान संभालने वाली सुश्री स्वाति मीणा पूरे एक साल मंडला कलेक्टर रही। जिले की चौथी कलेक्टर श्रीमति प्रीति मैथिल ने अप्रैल 2016 में कमान संभाली और जून 2017 में उनका स्थानांतरण हो गया, वो करीब 14 महीने मंडला कलेक्टर रही। 24 जून 2017 को सूफिया फारूकी वली ने जिले 99वीं कलेक्टर और 5वी महिला कलेक्टर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया और 10 अगस्त 2018 को कार्यमुक्त हो गई। सूफिया फारूकी वली भी कोई नया रिकॉर्ड नहीं बना पाई और वो भी अन्य महिला कलेक्टर की तरह जल्द ही मंडला को अलविदा कह चल दी।