ganesh dunge
बुरहानपुर। क्या कोई कर्ज की राशी चुकाने के लिए अपने बच्चें को गिरवी रख सकता हैं? हां. ग्राम भोलाना में किसान ने कर्ज की राशी को चुकाने के लिए अपने एक नाबालिक बालक को ढ़ाई लाख रूपए में गड़रिया के पास जानवर चलाने के लिए गिरवी रख दिया था। उसके बाद भी किसान का कर्ज खत्म नहीं हुआ तो किसान ने किटनाशक पीकर आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
देश में किसानों के बल पर लगातार कृषि अवार्ड लेने वाली प्रदेश सरकार के राज में ही किसान कर्ज से परेशान होकर आत्महत्याएं कर रहे हैं। प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान खेती को लाभ का धंधा और किसानों की आय दुगनी होने का दावा तो करते हैं लेकिन मुख्यमंत्री के यह दावे सिर्फ खोखले साबित हो रहे हैं। किसान कर्ज की परेशानी के चलते आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर है। जिले में कर्जदार किसानो का आलम यहा है कि किसान अपने बच्चो को ही गिरवी रखने लगे है । ग्राम भोलाना के किसान कारकुन कोंडू ने कर्ज की राशी को चुकाने के लिए अपने बालक को गड़रिया के पास जानवर चलाने के लिए ढ़ाई लाख रूपए में गिरवी रख दिया था। अपने बच्चे को गिरवी रखने के बाद भी कर्ज की राशी नहीं चुकाने से परेशान किसाने ने फिर आत्महत्या करने का कदम उठा लिया।
इसलिए परेशान था किसान
किसान कारकू कोंडू धनगर के पास देड़ एकड़ खेती होने से वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। कपास की फसल खराब होने के बाद आर्थिक स्थिति खराब होने से किसान ने खेती करने के लिए सोसायटी से 90 हजार रुपये और अन्य लोगो से कर्ज लिया था। किसान ने अपने खेत मे केला की फसल लगाई लेकिन खेत की बावड़ी सुखने से पूरी केले की फसल भी सुख कर तबाह हो गई। सोसायटी के नोटिस और कर्जदारो से परेशान होकर किसान ने अपने 17 वर्षीय पुत्र काशीराम को गडरिया के पास ढाई लाख में गिरवी रख कर कर्ज लेना पड़ा गिरवी रखा बच्चा अपने माँ बाप से दूर होकर गडरिये की भेड़ बकरी चलाने का काम कर रहा है।
किटनाशक पीकर किया जीवन समाप्त
खेती में लगी फसल तबाह होने के बाद किसान को बर्बादी का नजारा दिखने लगा तो किसान परेशान हो गया था। कर्ज वसूली के लिए सोसायटी और लोगो का दबाब के कारण किसान की चिंता बढ़ गई । एक तो गिरवी रखे बच्चे की चिंता और दूसरा सोसायटी का लोन उस के लिए काल बन गया और किसान ने गुरुवार को खेत में अंदर कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली। जिसके बाद से तो परिवार के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया।
कांग्रेस ने शोक संवेदना व्यक्त की...
कर्ज से परेशान होकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने वाले किसान के परिजनों ढांढस बंधाने कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजयसिंह रघुवंशी उनके निवास भोलाना पहुचे। इस दौरान उन्होने मृतक के परिजनों को आश्वस्त किया कि पुरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ है, मृतक किसान को हर हाल में न्याय दिलाया जायेगा। इस दौरान किशोर महाजन उपस्थित रहे।
कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या
सोसायटी से मिल रहे नोटिस से था परेशान
बुरहानपुर। ग्राम भोलाना में कर्ज से परेशान होकर किसान ने खेत में किटनाशक दवाई पीकर आत्महत्या कर ली। कपास की फसल नष्ट होने के बाद कर्जा का पैसा निकालने के लिए किसान ने खेत में गन्ने की फसल लगाई थी। खेत का कुआं सूखने के बाद केला फसल भी नष्ट होने की कागार पर पहुंच गई। किसाने ने 4 लाख रूपए कर्जा होने से सोसायटी द्वारा नोटिस दिया जा रहा था। नोटिस से परेशान होकर किसान ने आत्महत्या करने का कदम उठाया।
ग्राम पातोंड़ा के भोलाना निवासी कारकू पिता कोन्डू धनगर 40 वर्षीय ने अपनी देढ़ एकड़ खेत में कपास की फसल लगाने के लिए सेवा सहकारी सोसायटी पातोंड़ा से देढ़ लाख रूपए का कर्जा लिया था। खेत में कपास की आधी फसल बारिश नहीं होने से नष्ट हो गई। वहीं आधी फसल का बाजार में सही दाम नहीं मिल सके। किसान पर सोसायटी का देढ़ लाख रूपए कर्जा होने के साथ ही उसने साहूकारो और रिस्तेदार से फसल लगाने के लिए तीन लाख रूपए का भी कर्ज लिया था। किसान कोरकू पर लगभग 4 लाख रूपए ब्याज सहित कर्ज होने के बाद कर्ज की राशी को चुकाने के लिए खेत में केली की फसल तैयार की थी। भीषण गर्मी के चलते खेत का कुआ भी सूख जाने से केला फसल भी खराब होने की स्थिति में पहुंच गई। गर्मी से सूख रही फसल को देखकर किसान लम्बे समय से परेशान था। बुधवार दोपहर 11 बजें किसान खेत पहुंचा और खेत में रखी फसल में डालने वाली किटनाशक दवाई को पी लिया। पड़ोस के खेत में कार्य कर रहे छोटे भाई तुकाराम धनगर ने परिजनों को फोन पर सूचना दी। किसान को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने से किसान ने रात्री 11 बजें दम तोड़ दिया।
सोसायटी से नोटिस मिलने पर परेशान था किसान
ग्राम पातोंड़ा सरपंच ओमराज बावस्कर ने बताया कि किसान कोरकू धनगर पर पातोंड़ा सेवा सहकारी सोसायटी का देढ़ लाख रूपए का कर्जा था। सोसायटी द्वारा किसान को दो साल पहले डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया। वहीं कर्ज की राशी वसूली के लिए किसान के घर नोटिस भेजे जा रहे थें। पहले ही फसल नष्ट होने से परेशान को सोसायटी और अन्य लोगो द्वारा कर्ज के लिए परेशान किये जाने के कारण किसान ने यह कदम उठाया गया हैं। किसान कोरकू धनगर के पिता कोन्डू धनगर के 5 लड़के और 5 लडकियां होने से पिता के खेत भूमि से सभी को देढ़ देढ़ एकड़ खेत भूमि हिस्सा में आई थी। उसी भूमि पर खेती किसानो पर किसान अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था।
अन्नदाता का परिवार हुआ बेसहारा
किटनाशक पीने से किसान की मौत के बाद ग्रामीणों और रिस्तेदारो की जिला अस्पताल में भीड़ लग गई। अन्नदाता किसान के परिवार में पत्नी वणबाई, बड़ा बेटा देवा धनगर 14 वर्षीय, छोटा बेटा काशीनाथ धनगर 13 वर्षीय और बेटी ईमली बाई थी। परिवार के मुख्यिा की मौत के बाद परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे। परिजनों की मांग हैं कि सोसायटी और अन्य लोगो द्वारा किसान का कर्जा माफ कर परिवार के छोटे बच्चों को परेशान नहीं किया जाएं। वही लालबाग पुलिस ने किसान की मौत के बाद मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरु कर दी हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
क्या कहना है इनका.....
एक तरफ तो सरकार किसानों का कर्जा माफ करने की बात कर रही है साथ ही भावान्तर योजना के माध्यम से किसानों को लाभ पहुचाने की बात कर रही है। साथ ही मुख्यमंत्री भाषण में किसानों का कर्जा माफ करने की बात कह रहे है वही दुसरी ओर सोसायटी के माध्यम से ऋण वसुली के लिए किसानो को नोटिस थमाते हुए उनसे कढाई से वसुली की जा रही है, जिससे गरीब किसान को आत्महत्या करने जैसा कठोर कदम उठाना पड़ रहा है। सरकार की इस दोहरी निती का खामियाजा गरीब किसाना को जान देकर उठाना पड़ रहा है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार तत्काल किसानों की ऋण वसुली को रोके तथा दोषी अधिकारीयों के विरूध्द कार्रवाई करे।
.......अजयसिंह रघुवंशी, कांग्रेस जिला अध्यक्ष।