जानिए... कैसे बढा मप्र विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत

जानिए... कैसे बढा मप्र विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत
भोपाल : इस बार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने तथा अपनी शक्ति पहचानने के संदेश का नवाचार सार्थक सिद्ध हुआ। गुना जिले में मतदान प्रतिशत बढाने के लिये मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत संचालित गतिविधियों में सबसे कारगर और असरकारी रहा जिले का शुभंकर ‘’वोट मेन’’। शुभंकर ‘’वोट मेन’’ की अवधारणा सुपरमेन मतदाता के रूप में की गई थी, जो अपनी शक्ति को पहचानने वाला और बिना लोभ-लालच के निष्पक्ष होकर मतदान करने वाले समझदार ‘’मतदाता’’ के रूप में जाना गया।शुभंकर ‘’वोट मेन’’ अनावरण के दिन से ही जिले के नागरिकों के बीच आकर्षण एवं जिज्ञासा का केन्द्र बना और हर आयु वर्ग के मतदाताओं का चहेता बन गया। बेटियां मतदाताओं को प्रेरित करने मिस वोटर के रूप में तो बच्चे विद्यालय के वार्षिक महोत्सव में फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में ‘’वोटमेन’’ बनकर भी पहुंचे। वोट मेन का कट आउट कलेक्ट्रोरेट, जिले के विभिन्न व्यस्ततम चौराहों और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाने से पास से गुजरने वाला युवा, पुरूष एवं महिला मतदाता सहित बच्चे ‘’वोट मेन’’ के साथ सेल्फी लेने आतुर दिखे। शुभंकर ‘’वोट मेन’’ का जादू सिर चढ़कर बोला। ‘’गुना वोट करेगा’’ जिला प्रशासन की थीम का नतीजा भी उत्साहजनक एवं प्रेरणादायी रहा और मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में सफल रहा। जिले में वर्ष 2013 में हुए विधानसभा आम निर्वाचन में मतदान का कुल प्रतिशत 73.56 रहा। वहीं इस बार यह बढकर 76.52 प्रतिशत हो गया। इसमें सबसे बडी संख्या युवा मतदाताओं और महिला मतदाताओं की रही। वर्ष 2013 के निर्वाचन में 78.13 प्रतिशत पुरूष एवं 68.36 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था, जो विधानसभा निर्वाचन 2018 में 2.96 प्रतिशत बढ़कर कुल 76.52 प्रतिशत हो गया। इसमें 72.93 प्रतिशत महिलाएं एवं 79.72 प्रतिशत पुरूष तथा 47.06 प्रतिशत अन्य मतदाता शामिल हैं। ओला कैब ने सुगम मतदान में दिया सहयोग भोपाल :विधानसभा निर्वाचन 2018 में भोपाल जिले में दिव्यांग, बुजुर्ग और साधनहीन मतदाताओं के लिये ओला कैब से आने-जाने की व्यवस्था की गई। सुगम मतदान व्यवस्था में यह नवाचार काफी सराहा गया। ओला कैब के प्रबंधन ने मतदान व्यवस्था में नि:शुल्क सेवायें दीं। इस तरह लोकतंत्र के इस महान यज्ञ में सामाजिक सरोकार का फर्ज भी निभाया । जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों के 249 मतदाताओं का संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा चिन्हांकन किया गया। ओला कैब कंपनी की सहमति अनुसार कार्य-योजना तैयार की गई और 77 वाहनों का उपयोग कर 28 नवम्बर को चिन्हांकित मतदाताओं को मताधिकार का उपयोग करने में मदद उपलब्ध कराई गई। ----------------------------------- अलाव, पिंक बूथ, वेब कास्टिंग से परिपूर्ण रही मतदान व्यवस्था भोपाल : जिले में विधानसभा चुनाव- 2018 में निष्पक्ष पारदर्शी एवं शांतिपूर्णं मतदान के लिए विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ अन्य सभी व्यवस्थाएँ भी की गई। व्यवस्थाओं में जिला प्रशासन ने संवेदनशीलता का अद्भुत परिचय दिया। अस्पताल प्रबंधन ने मतदान दलों को आकस्मिक चिकित्सा सामग्री वितरण के साथ ही उल्टी, दस्त तथा आकस्मिक स्थिति के लिए दवाई किट उपलब्ध कराई। आदिवासी तथा वन बाहुल्य जिला होने के कारण मंडला में मतदान के दौरान ज्यादा ठंड की संभावना देखते हुए कलेक्टर ने मतदान दलों के लिए मतदान केन्द्रों में अलाव की अनिवार्य रूप से व्यवस्था कराई गई। निर्वाचन गतिविधियों के दौरान जेंडर रेशियो के मामले में मण्डला जिला प्रदेश में शीर्ष स्थान पर रहा। यहां जेंडर रेशियो को प्रारंभिक 982 से अंतिम प्रकाशन तक 1004 तक बढ़ाया गया। पहली बार मतदान सूची में 19 हजार से ज्यादा युवाओं को जोड़ा गया। विधानसभा चुनाव में महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के लिए जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 30 पिंक बूथ बनाए गए। पिंकबूथों में महिलाओं के लिए न केवल सभी जरूरी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई, बल्कि इनकी प्रशासनिक बागडोर भी महिलाओं के हाथ में रही। मंडला विधानसभा क्षेत्र में 12, निवास विधानसभा क्षेत्र में 10 तथा बिछिया विधानसभा क्षेत्र में 8 पिंकबूथ बनाए गए। मतदान केन्द्रों की मॉनिटरिंग के लिए विधानसभावार 3 वीडियो मॉनिटरिंग रूम बनाए गए हैं। इन मॉनिटरिंग रूम के माध्यम से मतदान केन्द्रों की सुरक्षा के साथ-साथ मतदाताओं की संख्या पर भी सतत् निगरानी की गई। दिव्यांगों मतदाताओं के लिए सभी मतदान केन्द्रों में बिजली, शौचालय, रैम्प तथा व्हीलचेयर की शतप्रतिशत व्यवस्था रही। प्रशासन ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए गर्भवती, अतिवृद्ध तथा कमजोर मतदाताओं को सीधे मतदान की व्यवस्था वहां उपस्थित शासकीय व्यक्ति द्वारा सुनिश्चित कराई गई। संवेदनशीलता के मद्देनजर आयोग के निर्देशानुसार कुल 94 मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासन ने सुदूरवर्ती अंचलों तक मोबाईल नेटवर्क का व्यापक सर्वे कराया तथा प्रगति मोबाईल टावर के कार्यों को प्राथमिकता से पूरा कराया। जिला प्रशासन ने सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों से सतत् सम्पर्क रखने के लिए एक मोबाईल एप भी लाँच किया। ई-मंडला मोबाईल एप के माध्यम से प्रत्येक मतदाता को अपने मतदान केन्द्र की लोकेशन तथा पहुंचने के लिए मार्ग की जानकारी प्राप्त करने की सुविधा मुहैया कराई गई। इस एप में स्थानीय स्तर की आवश्यक सेवाओं तथा मोबाईल नम्बर उपलब्ध थे। -------------------------- मतदान में मतदाता जागरूकता गतिविधियों का रहा विशेष योगदान भोपाल : लोकतंत्र के महापर्व विधानसभा निर्वाचन 2018 में सीहोर जिले के 8 लाख 87 हजार 373 मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। प्रदेश में मतदान प्रतिशत में तीसरा स्थान अर्जित करते हुए सीहोर जिले में कुल 83.08 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदाता जागरुकता के लिये अनेक तरह के नवाचार किये गये। रन सीहोर रन, साईकिल रैली, रंगोली प्रतियोगिता, निंबंध प्रतियोगिता, मतदान क्विज प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, हस्ताक्षर अभियान, छात्राओं की मतदाता जागरुकता रैली, बच्चों द्वारा माता-पिता को पत्र लिखकर मतदान करने की शपथ दिलाना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा मतदाताओं को जागरुक कराना जैसे प्रयोग सार्थक सिद्ध हुए। सोशल मीडिया द्वारा भी मतदाताओं को मतदान करने के लिये प्रेरित किया गया। जिले की निर्वाचन नामावली में 12 हजार 495 दिव्यांग मतदाताओं तथा 37 हजार 726 युवा मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिले में दिव्यांगजनों को सुगमता पूर्वक मतदान करने के लिए तरह-तरह के इंतजाम किये गये। इन सभी व्यवस्थाओं में सबसे महत्वपूर्ण था दिव्यांगों को घर से मतदान केन्द्र तक लाने और पुनः घर छोड़ने के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध कराना। मतदान केन्द्र पर दिव्यांगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका बात का विशेष ध्यान रखते हुए मतदान केन्द पर रैंप और व्हील-चेयर की सुविधा उपलब्ध कराई गई। दिव्यांगों की सहायता के लिये विशेष दल का गठन किया गया। जिले के 10 हजार 625 दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान केन्द्र तक जिला प्रशासन द्वारा लाने-ले जाने की सुविधा का लाभ लेने के लिये पंजीयन करवाया था। ------------------------------------- वाहन सुविधा मिलने से कर सकी मतदान 103 वर्षीय धापु बाई ने आयोग की पहल को सराहा शाजापुर जिले में 80% शतायु मतदाताओं ने किया मतदान भोपाल :धापु बाई खुश है कि वो मतदान कर सकी। नीछमा जिला शाजापुर की 103 वर्षीय मतदाता श्रीमती धापुबाई ने बताया कि 'घर से मतदान केन्द्र तक आने-जाने को मिले वाहन से वह आसानी से मतदान कर सकी। नहीं तो इस उम्र में खुद से पैदल चलकर मतदान केन्द्र पहुँचना मुश्किल था।' भारत निर्वाचन आयोग के कमजोर और अशक्त मतदाताओं को मतदान के लिए सुविधा देने की पहल की धापु बाई सराहना करती है। अशक्त होने के बावजूद भी किया मतदान शाजापुर नगर की 102 वर्षीय केसर बाई व्हील चेयर पर बैठकर मतदान केन्द्र पहुँची और मतदान किया। वे बतायी कि वह हमेशा चुनाव में मतदान करती आ रही है। इस बार शारीरिक अशक्तता के कारण 28 नवम्बर को मतदान करना मुश्किल लग रहा था। आयोग द्वारा उन्हें मतदान के लिए व्हील चेयर से मतदान केन्द्र पहुँचाकर मतदान की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। पुत्र, पुत्री और नाती-पोता के साथ केसर बाई मतदान कर प्रसन्न है कि उन्हें इस उम्र में अशक्त होने पर भी मतदान का अवसर मिला। शाजापुर जिले की ही नीछमा निवासी 100 वर्षीय गंजीबाई, भंवर बाई, कमला बाई, झोंकर की 107 वर्षीय भगवंती बाई, पनवाड़ी की 102 वर्षीय बीसिया बाई, उकावता की 104 वर्षीय तोईसा बी ने भी मतदान केन्द्र पहुँच कर मतदान किया। इन बुजुर्ग और शारीरिक रूप से अशक्त मतदाताओं ने आयोग द्वारा मतदान के लिए उपलब्ध कराई सुविधा को अच्छी पहल बताया। शाजापुर जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन 2018 में जिले के 100 वर्ष से अधिक आयु के कुल 64 मतदाताओं में से 80 प्रतिशत अर्थात 53 मतदाताओं ने मतदान किया। विधानसभा क्षेत्र शाजापुर में 12, शुजालपुर में 14 और कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में 100 वर्ष से अधिक के 27 मतदाताओं ने मतदान किया। जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार बुजुर्ग शतायु मतदाताओं को घर से मतदान केन्द्र तक वाहन से लाने-ले-जाने की सुविधा दी गई थी। कमजोर मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्रों पर व्हील चेयर और बैसाखी भी रखी गई थी। ------------------------------------------ सभी मतदान केन्द्रों को बनाया आदर्श मतदान केन्द्र: रहा उत्सव का माहौल भोपाल : नरसिंहपुर जिले में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विधानसभा निर्वाचन-2018 में स्वीप प्लान में मतदाताओं को जागरूक करने के लिये अनेक गतिविधियाँ संचालित की गईं। जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में सभी 1012 मतदान केन्द्रों को आदर्श मतदान केन्द्र बनाया गया था। महिला मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए 40 पिंक बूथ बनाये गये थे। खास बात यह थी कि इन मतदान केन्द्रों पर सभी मतदानकर्मी महिलाएँ थीं। जिले के दिव्यांग मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र को सुगम्य मतदान केन्द्र बनाया गया था, जिसमें सभी मतदानकर्मी दिव्यांग रखे गये थे। जिले के लिए दिव्यांग आइकॉन श्री सुशीलचंद्र गुप्ता को बनाया गया था। सभी आदर्श मतदान केन्द्रों में मतदाताओं के लिए छाया, पानी, बैठक, महिला एवं पुरूष शौचालय, सुचारू विद्युत आपूर्ति, रैम्प, व्हील-चेयर आदि की व्यवस्था की गई थी। मतदान केन्द्रों पर सुगम्य सहायक एवं क्यूलेस सहायक की नियुक्ति भी की गई थी। मतदान के दिन 28 नवम्बर को जिले के मतदान केन्द्रों को रंगीन गुब्बारों से सजाया गया था। अनेक मतदान केन्द्रों में रांगोली बनाई गई थी। दिव्यांग मतदाताओं को उनके निवास स्थान से मतदान केन्द्र तक लाने के लिए व्हील-चेयर की व्यवस्था की गई थी। पीडब्ल्यूडी वोटर्स की मदद के लिए बूथदूत नियुक्त किये गये थे। मतदाता जागरूकता की गतिविधियों के कारण जिले में पिछले विधानसभा चुनाव के मकाबले 1.81 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। वर्ष 2013 के चुनाव में जहां 79.52 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे, वहीं वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 81.33 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। महिला एवं पुरूष मतदाताओं के मतदान प्रतिशत में भी इस बार बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जहां 82.13 प्रतिशत पुरूष मतदाताओं ने और 76.57 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वोट डाले थे, वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में 83.59 प्रतिशत पुरूष मतदाताओं ने और 78.83 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वोट डाले। -------------------------------------- दिव्यांग मतदान दल के जज्बे के कायल हुए मतदाता भोपाल : विधानसभा निर्वाचन-2018 में ग्वालियर नगर के गजराराजा स्कूल मतदान केन्द्र क्रमांक-75 पर मतदाताओं को दिव्यांग मतदान दल के जज्बे ने उनका कायल बना दिया। मतदाताओं ने दिव्यांग मतदान दल में शामिल सभी अधिकारियों की सराहना की और कहा कि उन्हें ऐसा कतई नहीं लगा कि मतदान दल में शामिल दिव्यांग अधिकारी किसी भी स्तर पर, कहीं से भी कमजोर थे। विधानसभा निर्वाचन में नवाचार के तहत ग्वालियर में दिव्यांग मतदान दल का भी गठन किया गया था। इसमें श्री राजबहादुर सिंह पीठासीन अधिकारी, श्री मुन्नीलाल चौरसिया मतदान अधिकारी क्रमांक-1, श्री पारस जैन मतदान अधिकारी क्रमांक-2 और श्री ओमप्रकाश शर्मा मतदान अधिकारी क्रमांक-3 का दायित्व सम्हाल रहे थे। मतदान दल द्वारा अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम दिया गया और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-17, ग्वालियर, दक्षिण के मतदान केन्द्र क्रमांक-75 पर मतदाताओं ने व्यवस्थित ढंग से मतदान किया। मतदान केन्द्र का प्रतिशत 69 प्रतिशत रहा, जो कि विधानसभा क्षेत्र के औसत मतदान 59.82 से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। पीठासीन अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि निर्वाचन के लिये शासकीय कार्यालयों से अधिकारी-कर्मचारियों की सूचियाँ जब कार्यालयों से बुलवाई जा रही थीं, तब बहुत से अधिकारी इस प्रयास में थे कि उन्हें ड्यूटी नहीं करना पड़े, परंतु उन्होंने खुद से आगे आकर अपनी ड्यूटी लगाने के लिये सहमति दी और दिव्यांग मतदान दल में पीठासीन अधिकारी बने। भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार सक्षम बूथ (दिव्यांग मतदान दल द्वारा संचालित केन्द्र) बनाने के निर्णय को ग्वालियर में सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया। ग्वालियर जिले के सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में 18 सक्षम बूथ बनाये गये थे। इन बूथों पर 15 हजार 159 मतदाता थे। दोनों पैरों की विकलांगता मतदान में नहीं बन सकी बाधक मतदान केन्द्र पर निर्वाचन आयोग की पहल पर मतदाताओं के लिये उपलब्ध कराई गई सुविधाओं में व्हील-चेयर की सुविधा भी दी गई। इसी के चलते ग्वालियर जिले के मतदाता कमल उच्चारिया बताते हैं कि वह दोनों पैर से विकलांग है। इसके बावजूद उन्हें मतदान करने में परेशानी नहीं हुई। ग्वालियर के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय, मुरार में उन्हें मतदान केन्द्र पर मतदान करने के लिये सुविधा उपलब्ध कराई गई। उन्होंने इसके लिये हेल्पलाइन नम्बर डायल किया। इसके थोड़ी देर बाद ही संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय व्हील-चेयर लेकर उनके पास पहुँच गये और फिर व्हील-चेयर पर बैठाकर श्री उच्चारिया को मतदान केन्द्र पहुँचाया गया, जहाँ पर उन्होंने मताधिकार का प्रयोग किया। ग्वालियर जिले में 7,355 दिव्यांग मतदाता थे। इनमें 71 दृष्टिबाधित मतदाता भी शामिल थे। दृष्टिबाधित मतदाताओं को ब्रेल लिपि में मतदाता पर्ची मुहैया कराई गई। दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक ले जाने तथा पुन: उनके निवास तक छोड़ने के लिये 60 वाहनों का उपयोग भी किया गया। ---------------------------------------- अशोकनगर में महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्रों पर मिली बेहतर सुविधाएँ भोपाल : महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नवाचार करते हुए पूरी तरह महिलाओं द्वारा मतदान केन्द्रों का संचालन बेहतर तरीके से किया गया। इस नवाचार से महिला मतदाताओं का मतदान के प्रति आकर्षण देखा गया। अशोकनगर की कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. मंजू शर्मा ने स्वयं भी 28 नवंबर-मतदान दिवस को प्रात: 8 बजे महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्र क्रमांक 125 सेंट थामस हायर सेकेण्ड्री स्कूल अशोकनगर पहुँचकर मतदान किया। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन 2018 में जिला अशोकनगर की तीनों विधानसभा क्षेत्र 32 अशोकनगर, 33 चंदेरी तथा 34 मुंगावली के लिए संपूर्ण महिलाओं द्वारा संचालित 30 मतदान केन्द्र बनाए गए। इसमें नगर परिषद शाढौरा में 8, ईसागढ़ में 9, चंदेरी में 3, अशोकनगर में 5 तथा मुंगावली में 5 मतदान केन्द्र बनाए गए। यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा मे काफी महत्वपूर्ण रहा। महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्रों में मतदान दल में सिर्फ महिलाएँ शामिल थीं और सुरक्षा के लिए भी महिला पुलिस कर्मी की ही तैनाती की गयी थी। क्यूलेस व्यवस्था के तहत बैठने की पर्याप्त व्यवस्था, छाया, पानी एवं रेम्प के साथ नि:शक्तजनों के लिए व्हीलचेयर एवं ट्राईसाईकिल की व्यवस्था भी की गई थी। महिलाओं को बिना लाइन में लगे मतदान करने की सुविधा भी प्रदान की गई थी। नई मतदाता श्रुति सिंघई ने पहली बार मतदान करने शाढौरा मतदान केन्द्र पर पहुँचकर मतदान किया। श्रुति ने कहा कि संपूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्र बनाए जाने से महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ा है। इससे महिला मतदाता निर्भीक होकर मतदान करने आगे आ रही हैं। शाढौरा निवासी पहली बार मतदान करने वाली मतदाता पिंकी नरवरिया ने कहा कि लोकतंत्र के उत्सव में प्रथम बार शाढौरा मतदान केन्द्र पर मतदान किया है। केन्द्र पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा करवाई गई व्यवस्थाएँ सराहनीय रही। मतदान केन्द्र पर छाया, पानी एवं बैठने की समुचित व्यवस्था थी। शाढौरा की ही काजल सेन ने भी प्रथम बार मतदान किया। उन्होंने बताया कि संपूर्ण महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्र काफी सुविधाजनक हैं। इन केन्द्रों पर पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी सभी महिलाएँ हैं। महिलाओं द्वारा मतदान कराते देखना काफी सुखद अनुभव रहा। ईसागढ़ निवासी प्रीति अहिरवार एवं श्रीमति काजल ने बताया कि महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्र काफी आकर्षक एवं सुंदरता से परिपूर्ण रहे। मतदान के लिए आने वाले मतदाताओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। बेहतर सुविधाएं मिलने एवं आकर्षक बूथ होने से मतदाताओं में मतदान के प्रति काफी उत्साह रहा। 100 वर्षीय महिला बफातन बी ने शासकीय कन्या प्राथमिक शाला शाढौरा मतदान केन्द्र क्रमांक 33 में मतदान किया। उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्र के अंदर महिला कर्मचारियों द्वारा मतदान करवाना उनके जीवन में पहली बार देखने को मिला। उन्होंने सुगम मतदान की व्यवस्था के लिये सभी को धन्यवाद दिया। -------------------------------------- कोटा से झाबुआ मतदान करने अपने गाँव आये रमेश डामोर और अन्य मतदाता दूसरे स्थानों पर काम करने वालों को मतदान के लिये बुलाने की पहल हुई कारगर भोपाल : झाबुआ जिले के करडावद बड़ी के रमेश डामोर ऐसे हजारों मतदाताओं में शामिल हैं, जो काम के सिलसिले में जिले से बाहर थे, लेकिन मतदान के दिन 28 नवम्बर को अपने गाँव लौटे और मतदान किया। रमेश ने बताया कि उन्हें मतदान के दिन का वेतन सहित अवकाश मिला था और झाबुआ जिला प्रशासन द्वारा उनके नियोक्ता और उनसे मतदान करने के लिये अपने गाँव आने के लिये कहा गया था। इसी का परिणाम है कि उनके नियोक्ता ने उन्हें मतदान के लिये अपने गाँव आने की छुट्टी दी और छुट्टी के दिन का वेतन भी दिया। रमेश बताते हैं कि हम जैसे हजारों मतदाता मतदान के लिये अपने-अपने गाँव आये, जो राजस्थान और गुजरात के शहरों में मजदूरी कर रहे थे। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर, झाबुआ ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश के निर्देश पर विधानसभा निर्वाचन-2018 में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिये जिले से बाहर गये मतदाताओं को मतदान के लिये वापस गाँव लाने के लिये विशेष पहल की। इसके लिये शासकीय सेवकों के 11 दलों का गठन किया गया, जिन्हें अक्टूबर माह में 16 से 22 अक्टूबर के बीच ऐसे स्थानों पर भेजा गया, जहाँ पर जिले के मजदूर कार्य कर रहे थे। इन दलों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने झाबुआ जिले के मजदूरों और उनके नियोक्ता, कम्पनी, संस्थानों से चर्चा की। इसके बाद संस्थानों और नियोक्ताओं ने मजदूरों को मतदान के लिये घर जाने का वेतन सहित अवकाश दिया और मजदूरों ने भी मतदान के लिये अपने गाँव आने की सहमति व्यक्त की। सनोढ़ गाँव के जामसिंह ने बताया कि उन्हें वेतन के साथ छुट्टी मिलने पर खुशी हुई और वह गुजरात से अपने गाँव सनोढ़ मतदान के लिये आये। ग्राम चोरमांडली के राकेश और कविता ने बताया कि उन्हें तो मालूम ही नहीं था कि 28 नवम्बर को मतदान है। झाबुआ जिले से आये अधिकारियों ने उन्हें बताया और वह मतदान करने आ गये। झाबुआ जिले से बाहर काम कर रहे मतदाताओं को मतदान के लिये बुलाने की यह नवाचारी पहल कारगर रही और हजारों मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कतार में खड़े नहीं होना पड़ा, बैठने की व्यवस्था थी झाबुआ जिले में इस बार मतदान के लिये किये गये नवाचारों में क्यूलेस मतदान भी महत्वपूर्ण रहा। इसमें जिला प्रशासन द्वारा गुलाबी और पीले रंग के टोकन छपवाए गये। महिलाओं को गुलाबी रंग और पुरुषों को पीले रंग के टोकन देकर अपनी बारी का इंतजार कुर्सियों, खटिया आदि पर बैठकर करने को कहा गया। आफीसर्स कॉलोनी, झाबुआ की श्रीमती अनीता रामावत ने बताया कि उन्हें इस बार लाइन में मतदान के लिये खड़ा नहीं होना पड़ा। वह और उनके साथ के सभी लोग टोकन लेकर आराम से कुर्सियों पर बैठे रहे और नम्बर आने पर मतदान किया। आदर्श मतदान केन्द्र में रहा उत्सव जैसा माहौल जिले में बनाये गये आदर्श मतदान केन्द्रों पर उत्सव जैसा माहौल रहा। आदर्श मतदान केन्द्र पर रंग-बिरंगे गुब्बारे और मतदाताओं को बैठने के लिये आरामदायक कुर्सियों की व्यवस्था की थी। हेमेन्द्र व्यास, पुष्पक समीर ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान केन्द्र पर की गई व्यवस्थाओं ने हमें उत्सव का एहसास कराया। फलिया नू जात्रा अभियान रहा सफल झाबुआ जिले में स्केटर्ड (बिखरी) बसाहट को ध्यान में रख मतदाताओं को घर-घर मतदान की जानकारी और ईव्हीएम एवं वीवीपेट से मतदान करने की प्रक्रिया को समझाने के दृष्टिगत फलिया नू जात्रा अभियान भी चलाया गया। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 4-4 वाहनों को मतदाता जागरूकता के नारों से सुसज्जित कर ईव्हीएम एवं वीवीपेट मशीन के साथ फलिया-फलिया में घर-घर पहुँचाया गया और मतदाताओं को जानकारी दी गई। प्रशासन के प्रयासों से इंदौर में बढ़ा मतदान भोपाल : इंदौर जिले में इस बार विधानसभा चुनाव-2018 में नगरीय क्षेत्रों में उन मतदान केंद्रों पर भी विशेष ध्यान दिया गया, जहां पर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कम मतदान हुआ था। जिले में कम मतदान वाले ऐसे 21 केंद्र चिन्हित किए गए थे। इन क्षेत्रों में विशेष प्रयास किए गए। 'वोट इंदौर वोट एप'' की मदद से बूथ लेवल ऑफिसर द्वारा मतदाताओं के मोबाइल नंबर का सत्यापन कराया गया और एसएमएस भी भेजे गए। जमीनी स्तर पर 100 से ज्यादा वॉलिंटियर्स ने घर-घर जाकर मतदाताओं ने मतदान का महत्व समझाया। विधानसभा क्षेत्र 203 देपालपुर के देवराखेडी में वर्ष 2013 में 0.41 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 86.67 प्रतिशत हो गया। विधानसभा क्षेत्र 204 इंदौर-1 के नंदबाग में वर्ष 2013 में 38.15 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 64.31 प्रतिशत, किला मैदान में वर्ष 2013 में 47.93 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 58.78 प्रतिशत, शास्त्री कॉलोनी में वर्ष 2013 में 48.15 प्रतिशत मतदान के मुकाबले वर्ष 2018 में बढकर 50.78 प्रतिशत, इंदौर-1 के सिरपुर 09 में वर्ष 2013 में 46.23 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2018 में 53.34 प्रतिशत, गंगानगर कॉलोनी में वर्ष 2013 में 49.63 से वर्ष 2018 में बढकर 78.37 प्रतिशत, सिरपुर में वर्ष 2013 में 49.14 प्रतिशत मतदान से वर्ष 2018 में बढकर 63.25 प्रतिशत, कालानी नगर में वर्ष 2013 में 46.78 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 66.26 प्रतिशत हो गया हैं। विधानसभा क्षेत्र 205 इंदौर-2 के सांवेर रोड में वर्ष 2013 में 48.01 प्रतिशत मतदान के विरुद्ध वर्ष 2018 में बढकर 53.47 प्रतिशत, सांवेर रोड लिटिल मून में वर्ष 2013 में 47.16 प्रतिशत मतदान के विरुद्ध वर्ष 2018 में बढकर 50.34 प्रतिशत, दीनदयाल उपाध्याय नगर सुखलिया में वर्ष 2013 में 49.59 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 58.42 प्रतिशत हो गया। विधानसभा क्षेत्र 206 इंदौर-3 के महात्मा गांधी मार्ग में वर्ष 2013 में 47.27 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 61.46 प्रतिशत और पोलोग्राउण्ड में वर्ष 2013 में 48.53 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 52.45 प्रतिशत हो गया। विधानसभा क्षेत्र 208 इंदौर-5 के रिंग रोड बाम्बे हास्पिटल के पास 03 में वर्ष 2013 में 48.57 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 62.78 प्रतिशत, रिंग रोड बॉम्बे हास्पिटल के पास 04 में वर्ष 2013 में 46.3 प्रतिशत मतदान कि वर्ष 2018 में बढकर 52.37 प्रतिशत, रिंग रोड बॉम्बे हास्पिटल के पास भाग्यश्री में वर्ष 2013 में 42.77 प्रतिशत मतदान वर्ष 2018 में बढकर 50.07 प्रतिशत, आगरा बॉम्बे रोड में वर्ष 2013 में 49.14 प्रतिशत मतदान वर्ष 2018 में बढकर 63.51 प्रतिशत, 210 राऊ के तेजपुरगडबडी में वर्ष 2013 में 48.9 प्रतिशत मतदान वर्ष 2018 में बढकर 62.67 प्रतिशत, पीपल्याराव में वर्ष 2013 में 49.94 प्रतिशत मतदान वर्ष 2018 में बढकर 54.48 प्रतिशत, पालदा में वर्ष 2013 में 48.04 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 71.92 प्रतिशत हो गया हैं। विधानसभा क्षेत्र 211 सांवेर के डकाच्या में वर्ष 2013 में 27.34 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि वर्ष 2018 में बढकर 83.74 प्रतिशत हो गया हैं। सुल्तान ने पहले वोट डाला फिर की शादी भोपाल : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता जागरूकता का असर विधानसभा चुनाव-2018 में युवाओं में खासतौर से देखा गया। युवाओं में मतदान करने की इच्छा इतनी प्रबल थी कि विवाह के लिये तैयार मण्डप में जाने के पहले मतदान केन्द्र पहुँच गये। मतदान करने के बाद ही शादी के फेरे लिये। दिव्यांग व्यक्तियों के लिये मतदान केन्द्र पर उपलब्ध कराई गई विशेष सुविधाओं एवं बिना बारी के मतदान करने की व्यवस्था भी काफी कारगर साबित हुई। इसका असर आगर-मालवा शहर में कुछ इस तरह हुआ कि दिव्यांग दूल्हा सुल्तान छावनी मतदान केन्द्र पर ठीक बारात रवाना होने के पहले पहुँच गया। दूल्हे के लिबास में सुल्तान गले में फूल-मालाएँ पहने सुल्तान जब मतदान केन्द्र पहुँचा, तो लोगो को सहज ही कौतुहल हुआ। मतदान करने की लाइन में लगे लोग उससे पूछने लगे कब शादी है, बारात कहाँ जा रही है। सुल्तान ने झटपट मतदान किया और निकल पड़ा बारात लेकर उज्जैन की ओर। दिव्यांग सुल्तान ने बताया कि वह अपने मताधिकार का उपयोग कर अत्यधिक प्रसन्न है। उसका कहना था कि मेरी प्रबल इच्छा थी कि पहले वोट फिर शादी। सुलतान ने दिव्यांगों के लिये इस बार व्हील-चेयर एवं बिना लाइन में लगे मतदान की सुविधा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे दिव्यांगजनों में मतदान के प्रति रुझान और अधिक बढ़ा है। ब्रेल लिपि मार्गदर्शिका से सुगम हुआ रानी पटेल, अनिल साकेत के लिए मतदान भोपाल : मध्यप्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव-2018 में भारत निर्वाचन आयोग ने दिव्यांगों को मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिये विशेष सुविधाएँ दी थीं। इसका असर यह हुआ कि दिव्यांगजनों ने बगैर किसी असुविधा के मतदान किया। जबलपुर में ब्रेल लिपि की मार्गदर्शिका का सहयोग लेकर पहली बार मतदान करके प्रसन्न हैं दृष्टिबाधित दिव्यांग मतदाता रानी पटेल। उनका कहना है कि मतदान तो उन्होंने कई बार किया है लेकिन ब्रेल लिपि मार्गदर्शिका उन्हें पहली बार उपलब्ध हुई, जो उन्हें सहज मतदान करने में बहुत उपयोगी लगी। छात्रा रानी पटेल ने कहा कि मतदान करने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि वे भी देश की जिम्मेदार नागरिक हैं। मतदान भी देश सेवा का एक माध्यम है। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांगों के लिए सुगम मतदान हेतु प्रदत्त सुविधाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। दिव्यांग मतदाता सुश्री पटेल ने विधानसभा क्षेत्र जबलपुर उत्तर के मतदान केन्द्र क्रमांक-195 में जाकर मतदान किया। दृष्टिबाधित दिव्यांग मतदाता अनिल कुमार साकेत ने विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पश्चिम मतदान केन्द्र क्रमांक-187 में मतदान करने के बाद कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्होंने मध्यप्रदेश निर्वाचन के लिए पहली बार मतदान किया। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग को सुविधा के लिए धन्यवाद दिया कि उन्हें ब्रेल लिपि के माध्यम से मतदाता क्रमांक, कक्ष क्रमांक तथा अन्य जानकारी और मार्गदर्शन मिला। लाइन में लगे बिना ही मतदान का अवसर मिला पोलियो से पीड़ित दिव्यांग अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग में संचालक बालभवन गिरीश बिल्लोरे का कहना है कि विधानसभा निर्वाचन-2018 में निर्वाचन आयोग ने दिव्यांग मतदाताओं के लिए जो समझदारी का कार्य किया है वह नि:संदेह काबिले तारीफ है। श्री बिल्लोरे ने बताया कि उन्होंने निर्वाचन कार्य का उत्तरदायित्व भी निभाया है। उन्हें मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनीटरिंग सेक्शन में भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दिव्यांग मतदाता श्री बिल्लोरे ने बताया कि मतदान केन्द्र में पहुंचते ही दिव्यांग मतदाता के रूप में उनका बीएलओ श्री उपाध्याय ने स्वागत किया।