नफीसा बेगम ने हरिचंद मरावी के साथ लिए फेरे
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में किया था विवाह
नफीसा बेगम और हरिचंद मरावी ने किया खुलासा
Syed Javed Ali
मंडला - आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले के रामनगर नगर में 26 अप्रैल को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह व निकाह में हुई एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। इसे लेकर प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है। सियासत की वजह है सरस्वती वनवासी नामक आदिवासी युवती का सद्दाम हुसैन नामक मुस्लिम युवक से निकाह होना। पिछले दिनों इसे लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने ज्ञापन सौपा था।
विश्व हिन्दू परिषद के संगठन मंत्री अवदेश सिंह इस मामले को लेकर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगते हुए दोषी अधिकारीयों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग कर चुके है हालांकि सरस्वती वनवासी ने बताया था कि उसने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया है और न ही किसी दबाव या जबरजस्ती में सद्दाम हुसैन से विवाह किया है। सरस्वती का कहना था कि चूँकि वो मुस्लिम युवक से शादी कर रही थी इसलिए उसने अपनी मर्जी से निकाह करना पसंद किया था।
अब इसी सामूहिक विवाह का एक और मामला सामने आया है जिसमे नफीसा बेगम नामक एक परित्यागता मुस्लिम महिला का विवाह हरिचंद मरावी नमक आदिवासी युवक से किया गया है। आरोप है कि नफीसा बेगम का निकाह हरिचंद मरावी से किया गया। जब मामले की सच्चाई जानने नफीसा बेगम से चर्चा की गई तो उसने बताया कि सामूहिक विवाह में उसका निकाह नहीं हुआ बल्कि उसने आदिवासी रीतिरिवाज के मुताबिक सात फेरे हुए विवाह किया है। नफीसा बेगम ने बताया कि पति से तलाक के बाद पिछले एक साल से उसका प्रेम प्रसंग हरिचंद मरावी से चल रहा था। इस बीच वो हरिचंद मरावी से घर भी आती जाती थी। हरिचंद मरावी के परिजनों की मौजूदगी में उसने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह कर लिया। हरिचंद मरावी ने भी बताया कि उसने आदिवासी रीतिरिवाज के मुताबिक नफीसा बेगम के साथ सात फेरे लेकर उसे अपनी पत्नी बनाया है।