Oxygen Emergency : MP सहित देशभर में ट्रेनों से भेजी जाएगी Oxygen, Green corridor के जरिए होगी Fast Supply

नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। मध्यप्रदेश सहित कोरोना प्रभावित राज्यों में सबसे ज्यादा हालत चिंताजनक हो रहे हैं। कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी के बाद अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं। वहीं मरीजों को पर्याप्त आक्सीजन भी नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार आक्सीजन की सप्लाई के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं। मध्यप्रदेश में आक्सीजन प्लांट भी शुरू किए गए हैं, वहीं गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से आक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं रेडमिसिविर इंजेक्शन की किल्लत के बाद हालात और खराब हो रहे हैं। देशभर में आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए देशभर में ऑक्सीजन की कमी दूर करने रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाएगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साेशल मीडिया पर बताया कि ट्रेनों से देशभर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर डिलीवर किए जाएंगे। जल्द ही इन ट्रेनों को चलाया जाएगा। फास्ट सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनेंगे। दरअसल, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्ट करने की संभावनाओं पर विचार करने को कहा था। इसके बाद रेलवे ने लिक्विड ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन की तकनीकी दिक्कतों के बारे में पता लगाया। सारी चीजें तय होने के बाद फैसला लिया गया कि मालगाड़ी की खाली बोगियों पर ऑक्सीजन टैंकर भेजे जाएंगे। मुंबई के बोइसर में रविवार को इसका ट्रायल किया गया। यहां एक भरे हुए टैंकर फ्लैट वैगन पर लोड करके देखा गया। इस मुद्दे पर 17 अप्रैल को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर्स और इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के बीच मीटिंग हुई। इसमें जोनल रेलवे को निर्देश दिए गए कि ट्रेलर मंगाने और उन्हें वापस लोड करने में तेजी दिखाई जाए। इसके लिए विजाग, अंगुल और भिलाई में रैंप किए जाएंगे। मुंबई के कालांबोली में बने रैंप को और मजबूत बनाया जाना है। https://twitter.com/CMMadhyaPradesh/status/1383772778839429121 [embed]https://twitter.com/CMMadhyaPradesh/status/1383772778839429121[/embed]

देशभर में सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनेगा

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, महाराष्ट्र से ऑक्सीजन लेने के लिए 10 खाली टैंकर सोमवार को विशाखापट्टनम, विजाग, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो भेजे जाएंगे। इससे अगले कुछ दिनों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुरू होने की उम्मीद है। इससे हम जहां कहीं भी मांग है, वहां ऑक्सीजन भेज पाएंगे। ऑक्सीजन एक्सप्रेस को तेजी से चलाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।

दोगुना हुई ऑक्सीजन की खपत

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कहा कि पिछले साल कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले मेडिकल ऑक्सीजन की रोजाना खपत 1000-1200 मीट्रिक टन थी। 15 अप्रैल को देश में 4,795 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया गया। हमने पिछले एक साल में उत्पादन क्षमता बढ़ाई है। गोयल ने कहा कि आज 12 राज्यों के साथ हुई मीटिंग में 6177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर चर्चा हुई है। रेलवे के जरिए इन राज्यों को सप्लाई जल्द से जल्द की जा रही है।

राज्यों में जानलेवा हालात

देशभर में सबसे ज्यादा हालात मध्यप्रदेश में खराब है। भोपाल—इंदौर सहित बड़े शहरों में हाहाकार मचा है। रविवार को भी मप्र के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से 12 कोरोना मरीजों की जान चली गई। बताया जाता है कि सभी मरीज ICU में भर्ती थे। इसके पहले प्रदेश के उज्जैन, भोपाल, जबलपुर में भी आक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होने से मरीजों की जान पर बन आई है। उधर, दिल्ली में भी हालात तेजी से खराब हो रहे हैं। सीएम केजरीवाल ने पीएम को खत लिखकर मदद मांगी है। वहीं उत्तर प्रदेश में कई बड़े शहरों में हालात खराब हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है। निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के घरवाले खुद ऑक्सीजन सिलेंडर ढो रहे हैं। ऑक्सीजन फैक्ट्रियों के बाहर लंबी कतारें हैं। यही हाल महाराष्ट्र में हैं। यहां दूसरे राज्यों से आक्सीजन मंगानी पड़ रही है। उधर, पंजाब, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में भी आक्सीजन की डिमांग बढ़ गई है।