रमाकांत भार्गव नहीं रहेंगे अपेक्स बैंक में प्रशासक, जल्द देंगे इस्तीफा

रमाकांत भार्गव नहीं रहेंगे अपेक्स बैंक में प्रशासक, जल्द देंगे इस्तीफा
भोपाल,  प्रदेश के लाखों किसानों को कर्ज देने का काम करने वाले सहकारी बैंकों के राज्य बैंक (अपेक्स बैंक) में रमाकांत भार्गव प्रशासक नहीं होंगे। कांग्रेस की शिकायत पर निवृत्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद भार्गव से प्रशासक के सभी दायित्व वापस ले लिए गए थे। आचार संहिता के प्रभावी रहने तक यह व्यवस्था थी, लेकिन उन्हें आधिकारिक तौर पर प्रभार नहीं दिया गया। सहकारिता विभाग ने इस पर निर्णय करने की गेंद शासन के पाले में डाल दी है। उधर, सत्ता परिवर्तन के बाद यह साफ है कि भार्गव को इस पद पर नहीं रखा जाएगा, लिहाजा उन्होंने खुद इस्तीफा देने का मन बना लिया है। 'नईदुनिया" से चर्चा में भार्गव ने कहा कि नैतिकता के आधार पर वे जल्द इस्तीफा दे देंगे। सूत्रों के मुताबिक, तत्कालीन सरकार ने भाजपा के बड़े सहकारिता नेता रमाकांत भार्गव को अपेक्स बैंक की बागडोर सौंपने के लिए प्रशासक की परिभाषा में बदलाव किया था। सत्तारूढ़ लोगों को यह भरोसा था कि चुनाव के नतीजे उनके पक्ष में ही रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भार्गव को शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र बुदनी का अभिकर्ता बताते हुए पदीय दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सहकारिता विभाग से इस बारे में प्रतिवेदन मांगा और फिर भार्गव के सारे अधिकार छीनकर रजिस्ट्रार को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई। सहकारिता विभाग ने जो आदेश निकाला, उसमें यह गुंजाइश रखी गई थी कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद भार्गव प्रशासक बने रहेंगे। हालांकि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इसकी संभावना समाप्त हो गई तो आधिकारिक तौर पर प्रशासक पद की जिम्मेदारी भार्गव को सौंपने की जगह शासन स्तर से निर्णय लेने की बात कहकर गेंद सरकार के पाले में डाल दी। दरअसल, विभागीय अधिकारियों को भी यह अच्छे से मालूम है कि कांग्रेस सरकार ऐसे किसी भी व्यक्ति को ऐसे पद पर नहीं रखेगा, जिसका दायरा व्यापक हो। यह बात भार्गव को भी मालूम है। यही वजह है कि उन्होंने इस्तीफा देने का मन बना लिया है। 'नईदुनिया" से चर्चा में उन्होंने कहा कि आदेश के हिसाब से मैं ही प्रशासक हूं। इसके लिए किसी आदेश की दरकार नहीं है पर मुझे अब इस पद पर नहीं रहना है, इसलिए नैतिकता के आधार पर जल्द ही इस्तीफा दे दूंगा।