RDVV: जनरल प्रमोशन देने विद्यार्थियों से वसूले ढाई करोड़ रुपए
जबलपुर
कोराना संक्रमण में विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन तो मिल गया है, लेकिन फीस को लेकर कोई राहत नहीं मिल रही है। प्रशासन ने साफ किया है कि परीक्षा आवेदन भरे बिना प्रमोशन का लाभ भी नहीं मिलेगा। फार्म भरने पर परीक्षा के लिए विद्यार्थी पात्र होगा। इसी वजह से विद्यार्थियों से अग्रेषण शुल्क लिया जा रहा है। करीब एक लाख विद्यार्थियों से रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी प्रशासन ढाई करोडों रुपये की वसूली अतिरिक्त कर रहा है।
ऐसा है मामला
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखकर उच्च शिक्षा विभाग ने प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने का फैसला किया है। इसमें स्नातकोक्तर के चौथे सेमेस्टर को छोड़कर शेष सभी विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया जाना है। अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी घर से ओपन बुक परीक्षा देनी है। ऐसे में विद्यार्थियों का आरोप है कि जब परीक्षा का संचालन ही नहीं हो रहा है तो फिर युनिवर्सिटी की तरफ से अग्रेषण शुल्क लिया जा रहा है। इसकी माफी नहीं दी जा रही है।
क्या है अग्रेषण शुल्क
परीक्षा के संचालन के लिए अग्रेषण शुल्क 250 रुपये की राशि ली जा रही है। इसमें कॉलेज का हिस्सा 130 रुपये प्रति विद्यार्थी और शेष राशि युनिवर्सिटी के हिस्से में आती है। कॉलेज अपने संस्थान में परीक्षा का सेंटर तय करते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था, पर्यवेक्षक और अन्य तरह के खर्च में यह राशि इस्तेमाल की जाती है। वही युनिवर्सिटी परीक्षा कापियों का स प्ग्रहण और पेपर वितरण आदि पर इस राशि को खर्च करती है।
परीक्षा नहीं तो फीस क्यों
विद्यार्थियों का कहना है कि जब परीक्षा ही केंद्रों में नहीं हो रही है तो फिर अग्रेषण शुल्क क्यों लिया जा रहा है। प्रशासन को इस राशि को परीक्षा आवेदन से कम करना चाहिये ताकि कोविड-19 के बीच विद्यार्थियों को राहत मिल सके। युनिवर्सिटी में करीब एक लाख विद्यार्थी हैं, जिन्हे जनरल प्रमोशन का लाभ मिलेगा। वहीं 50 हजार विद्यार्थी अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल होंगे। इनका कहना है अग्रेषण शुल्क लेना पूरी तरह अनुचित है। जिस कार्य के लिए राशि ली जा रही है। वह जब हो ही नहीं रही तब इस राशि को वसूलने का औचित्य क्या है।
रिषभ गोरिया, विद्यार्थी
परीक्षा संचालन के दौरान कई तरह के खर्च होते हैं। अंतिम वर्ष की परीक्षाएं होगी। उनकी कापियों का संग्रहण बड़ी चुनौती होगी। विद्यार्थियों को दूर-दराज के इलाकों में ही स्कूल और अन्य स्थलों पर कापियां जमा करने की सुविधा दी गई है। ऐसे में कापियां बुलाकर मूल्यांकन करवाने में खर्च आयेगा।
दीपेश मिश्रा, कुलसचिव, रानी दुर्गावति विवि, जबलपुर