आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3.0 के तहत घोषित आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3.0 के तहत घोषित आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी दे दी। कोरोना से रिकवरी के दौर में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने और नए अवसरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस योजना की मंजूरी दी गई है।
अगले दो वर्षों के लिए सरकार यह भुगतान करेगी
इस योजना के तहत इस वर्ष पहली अक्टूबर से 30 जून, 2021 के बीच 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों की भविष्य निधि (पीएफ) के दोनों अंश की राशि का भुगतान सरकार करेगी। अगले दो वर्षों के लिए सरकार यह भुगतान करेगी। हालांकि इस भुगतान को लेकर कई शर्तें भी रखी गई है।
2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमति
इस योजना पर चालू वित्त वर्ष में होने वाले खर्च के लिए कैबिनेट ने 1,584 करोड़ रुपये की धनराशि और पूरी योजना अवधि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमति दी है। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में कर्मचारियों की संख्या 1,000 तक है वहां भर्ती होने वाले नए कर्मचारियों के दोनों तरफ (नियोक्ता व कर्मचारी) का पीएफ योगदान (वेतन का 24 फीसद) केंद्र सरकार करेगी।
जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1,000 से अधिक कर्मचारी हैं वहां केन्द्र सरकार नए कर्मचारियों के संदर्भ में दो वर्ष की अवधि के लिए ईपीएफ में केवल 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान देगी।
बेरोजगार भी इस योजना के लाभ का पात्र होगा
फैसले के मुताबिक कोई भी ईपीएफ सदस्य जिसके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और यदि उसने कोविड महामारी के दौरान पहली मार्च से 30 सितंबर तक की अवधि में अपनी नौकरी छोड़ दी है या छूट गई है और उसे ईपीएफ के दायरे में आने वाले किसी रोजगार प्रदाता संस्थान में 30 सितंबर तक रोजगार नहीं मिला है, वह भी इस योजना के लाभ का पात्र होगा।
ईपीएफओ एक सॉफ्टवेयर को विकसित करेगा
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि इस योजना के लिए ईपीएफओ एक सॉफ्टवेयर को विकसित करेगा और एक पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों की सैलरी ज्यादा हो जाएगी।