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अशोकनगर। परम्परागत खेती के साथ साथ अन्य कृषि आधारित फसलों एवं अन्य व्यवसायों के माध्यम से किसानों की आय दो गुनी हो ऐसे प्रयास किये जाए। केन्द्र एवं राज्य सरकार का एक मात्र उद्देश्य आगामी पांच वर्षो में किसानों की आमदानी दो गुनी करना है। इस आशय के विचार बुधवार को भारत सरकार के नीति आयोग के उप सचिव अजीत कुमार द्वारा ग्राम स्वराज अभियान के तहत मुंगावली विकासखण्ड में आयोजित किसान कल्याण कार्यशाला के आयोजन अवसर पर व्यक्त किये।
इस अवसर पर अवर सचिव अरूण कुमार सहगल, जनपद सदस्य दिनेश सिंह यादव, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विशाल सिंह, उप संचालक कृषि एसएस मरावी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. व्हींएस गुप्ताय, सहायक संचालक उद्यानिकी जीएस राजपूत, सहायक संचालक मत्स्य डॉ वीके पालीवाल, कृषि वैज्ञानिक श्री पनिका, पशु चिकित्सक डॉ आनंद त्रिपाठी एवं कृषकगण उपस्थित थे।
उप सचिव अजीत कुमार ने कहा किसानों की आमदानी दो गुनी होने से देश एवं राज्य का विकास होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों की आय दो गुनी करने के हर संभव प्रयास कर रही है। किसान आय बढाने के लिए खेती के साथ साथ उद्यानिकी, पशुपालन पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने किसानों से कहा कि वे दूरदर्शन द्वारा प्रसारित प्रोग्राम किसान वाणी को अवश्य देखें और उसमें बताए गये खेती के उन्नत तरीकों को अपनाकर लाभ प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की सात जनकल्याणकारी योजनाओं उज्जवला, उजाला, सौभाग्य, जनधन बीमा योजना तथा मिशन इन्द्रधनुष का लाभ सभी ग्रामों में मिले इस पर विशेष ध्या्न दिया जाए। उन्हों्ने बताया कि प्रथम भ्रमण के दौरान जिले के पांच ग्रामों में इन योजनाओं की समीक्षा कर शत् प्रतिशत हितग्राहियों को लाभान्वित कराया है।
इस अवसर पर अवर सचिव श्री सहगल ने कहा कि भारत सरकार किसानों के हितार्थ अनेक योजनाएं संचालित कर खेती को लाभ का धंधा बनाने के प्रयास कर रही है। सभी के समन्वित प्रयासों से खेती के उत्पादन बढाने के लिए उन्नत तकनीक का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। नवीन तकनीक से खेती कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर आमदानी को बढाया जा सकता है।
उप संचालक कृषि श्री मरावी ने बताया कि ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत 2 मई को जिले के समस्त विकासखण्डों में कृषक संगोष्ठियां आयोजित की जा रही है। कृषक संगोष्ठियों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कृषकों को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर खेती को लाभ का धंधा बनाना है। उन्होंने शासन की कृषि संबंधी विभिन्न जानकारी किसानों को दी।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ गुप्ता ने कहा कि किसानों की आमदानी दो गुनी करने के लिए उत्पादन लागत को कम करना पडेगा। साथ ही फसल चक्र पद्धति में प्लानिंग कर फसलों का चयन करना होगा। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन एंव बाजार व्यवस्था के साथ चलना पडेगा। उन्होंने समूह की अवधारणा, मूल्य संर्वधन, सब्जी उत्पादन बाजार व्यवस्था, फलोद्यान एवं पशुपालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर सहायक संचालक उद्यानिकी श्री राजपूत ने बताया कि कृषकों को अपनी कुल भूमि का 10 प्रतिशत भूमि पर साग सब्जी लगाकर बेहतर आमदानी प्राप्त कर सकते है। उन्होंने फ़लोद्यान एवं साग साग सब्जी उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही प्याज भण्डारन एवं विभागीय योजना के बारे कृषकों को विस्तार से जानकारी दी।
सहायक संचालक मत्स्य श्री पालीवाल द्वारा मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खेती के साथ साथ मत्स्य पालन के माध्यम से किसान अपनी आय को बढा सकते है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा त्रि-स्तरीय वर्गीकरण के तहत शून्य से 10 हेक्टेयर तक के जलाशय ग्राम पंचायत, 10 हेक्टेयर से 100 हेक्टेयर तक जलाशय जनपद पंचायत तथा 100 से 1000 हेक्टेयर तक के जलाशय जिला पंचायत लीज पर मछली पालन हेतु दे सकेगें। उन्होंने मछली पालन की विभिन्न प्रजातियों एवं मछली बीज संचय के बारे में विस्तार से बताया।
कृषि वैज्ञानिक डॉ पनिका ने मृदा परीक्षण एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी
सोयाबीन बीज किट का वितरण:- कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा पात्र कृषक हितग्राहियों को आठ किलोंग्राम का सोयाबीन बीज किट का वितरण किया गया। मुंगावली में 100 कृषकों को सोयाबीन बीज किट का वितरण कृषि विभाग के माध्यम से कराया गया। मौके पर प्रतीक स्वरूप 5 कृषकों राजकुमार दांगी, श्याम बिहारी श्रीवास्तव, कैलाश दिमान पंथ, वासुदेव तोमर तथा कैलाश नरवरिया को सोयाबीन किट वितरित किये गये।
भारत सरकार के नीति आयोग के उपसचिव अजीत कुमार एवं अवर सचिव अरूण कुमार सहगल द्वारा ग्राम स्वराज अभियान के तहत मुंगावली विकासखण्ड के ग्राम महुआखाडी पहुचें तथा कृषक संगोष्ठी में भाग लिया। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित सात जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की तथा कृषकों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने कृषि आय दो गुनी करने के संबंध में आवश्यक सुझाव भी दिये।