अब व्यापमं घोटाले की फाइल खोलेगी सरकार, फंस सकते हैं कई दिग्गज नेता
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भोपाल
मध्यप्रदेश में जल्द व्यापमं का जिन्न बाहर आ सकता है। क्योंकि कमलनाथ सरकार ने देश के सबसे बड़े शिक्षा घोटाले से जुड़े लोगों की फाइलें खोलने की तैयारी कर ली है। इस बड़े घोटाले में जांच के दौरान ही करीब 48 से अधिक आरोपियों या इस घोटाले से जुड़े लोगों की जान जा चुकी है। कांग्रेस ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी व्यापमं घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाया था। माना जा रहा है कि व्यापमं की फाइल खुलते ही कई दबे हुए राज उजागर हो सकते हैं।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पिछली सरकार के घोटालों की फाइलें खुलने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। कमलनाथ सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन ने इस घोटाले से जुड़े लोगों को नहीं छोड़ने की बात कही है। फाइल ओपन होने के बाद कई दबे राज और दिग्गज नेताओं के लिप्त होने का खुलासा हो सकता है।
गृहमंत्री बच्चन ने क्या कहा
सरकार बदलने के साथ ही एक बार फिर व्यापमं की जांच कराए जाने की मांग तेज हो गई थी। कमलनाथ सरकार में गृहमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के बाद बाला बच्चन ने शुक्रवार को पत्रकारों सेस चर्चा करते हुए कहा कि व्यापमं घोटाले में जो भी लिप्त हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार आवश्यक कार्रवाई करेगी।
शिवराज पर भी लगे आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर इस बहुचर्चित शिक्षा घोटाले में लिप्त रहने का आरोप कांग्रेस कई बार लगा चुकी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा था पहली बार जब्त हुए डेटा में व्यापमं के माध्यम से प्रवेश कराने वाले सिफारिशकर्ता के तौर पर 48 बार शिवराज का नाम और मिनिस्टर-1, मिनिस्टर-2 और मिनिस्टर-3 के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम भी शामिल है। लेकिन cbi उन्हें बचा रही है। cbi तथ्यों की अनदेखी कर रही है, इसीलिए दिग्विजय सिंह ने मुकदमा दायर किया। दिग्विजय ने कुल 27,000 पन्नों के दस्तावेज पेश कर दिए। मध्यप्रदेश के इस शिक्षा घोटाले ने अन्य प्रदेशों के लोगों को भी प्रभावित किया। क्योंकि कई परीक्षार्थी दूसरे प्रदेशों के भी थे और घोटाले के कई आरोपी भी।
अब बदल चुका है नाम
पिछली सरकार को सबसे ज्यादा बदनामी व्यापमं घोटाले से मिली थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) का नाम ही बदल दिया था। उसका नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीइबी) हो गया था।