अब हरे कृष्णा हरे रामा गाने से लगता है डर: उषा उत्थुप

नई दिल्ली
ऊषा उत्थुप का नाम लेते ही कानों में बुलंद आवाज गूंजने लगती है और आंखों के सामने माथे पर बड़ी सी बिंदी लगाई हुई महिला की तस्वीर घूम जाती है। अपने कई मनोरम गीतों से 30 साल से भी ज्यादी फिल्मी दुनिया को मंत्रमुग्ध करने वाली उषा उत्थुप ने आज इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में शिरकत की। जहां उन्होंने अपने मस्त और बिंदास अंदाज से एक बार फिर से लोगों का दिल जीत लिया। इस दौरान उन्होंने अपनी लाइफ की जर्नी और संघर्षों के बारे में भी बात की।
गरीबी में बीता उषा उत्थुप का बचपन उषा उत्थुप ने बताया कि उनके पिता पुलिस विभाग में काम करते थे और उसूल पंसद इंसान हैं। उनके 6 भाई-बहन थे। उनके पास केवल दो जोड़ी स्कूल यूनिफार्म थी, एक पहनने के लिए और एक धोने के लिए। उषा ने बताया कि वो एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं और इसलिए संगीत के क्षेत्र में जगह बनाने के लिए उन्हें बहुत सारी मुश्किलों से गुजरना पड़ा। उषा ने बताया कि उनकी शुरुआत तो एक नाईट क्लब के सिंगर के रूप में हुई थी, जहां देवआंनद साहब की नजर पहली बार उन पर पड़ी।
उषा ने बोला कि देव साहब मेरा गाना सुनकर मेरे पास आए और बोले के किया क्या तुम मेरे प्रोजेक्ट के लिए गाओगी। वो उस वक्त 'हरे रामा हरे कृष्णा' बना रहे थे। मैंने सुनते ही 'हां' कर दी और उसके बाद मैंने इस फिल्म का टाईटल गीत 'हरे रामा हरे कृष्णा गाया', जो कि उषा की पहचान बन गया। 'हरे रामा हरे कृष्णा' गाने में लगता है डर जिस वक्त मैंने इसे गाया था, उस वक्त मुझे पता नहीं था कि ये ही गीत मुझे मेरी मंजिल तक लेकर जाएगा। खैर इस के बाद उषा ने मजाकिया अंदाज में कहा कि लेकिन अब 'हरे रामा हरे कृष्णा ' गाने में डर लगने लगा है क्योंकि अब गाने का एक खास अर्थ है?