अमेरिकी संसद में नया ग्रीन कार्ड बिल पेश, भारतीयों को मिलेगा छप्पर फाड़कर लाभ
वॉशिंगटन
अमेरिकी संसद में पेश किए गए एक नए बिल के पास हो जाने के बाद ग्रीन कार्ड की संख्या पर लगी लिमिट खत्म हो जाएगी। अगर अमेरिकी संसद मे यह बिल पास होता है तो उन भारतीयों के लिए बड़ी खुशखबरी है जो या तो अपने अमेरिकी ग्रीनकार्ड या फिर अमेरिकी नागरिकता के इंतजार मे हैं और इनकी संख्या में लिमिट लगी है । सीधे तौर कहा जाए तो इस बिल के पास होने से भारतीयों को छप्पड़ फाड़ कर लाभ मिलेग। बता दें कि अमेरिका के हिसाब से ग्रीन कार्ड की संख्या सीमित होने के चलते भारत और चीन के नागरिकों को औसतन कम नागरिकता मिल पाती है जबकि अन्य देशों के नागरिकों को आसानी से अमेरिका की स्थायी नागरिकता मिल जाती है।
इस बिल के पास हो जाने से अमेरिका में नौकरी के आधार पर मिलने वाली स्थायी नागरिकता दिए जाने संबंधी लिमिट समाप्त हो जाएगी। अभी यह लिमिट 7 फीसदी है। वर्तमान नियमों के हिसाब, एक साल में 1,40,000 से ज्यादा ग्रीन कार्ड नहीं जारी किए जा सकते हैं। इसके अलावा किसी भी एक देश से 9,800 नागरिकों को एक साल में स्थायी नागरिकता नहीं दी जा सकती है। इस नए कानून के प्रभाव में आने के बाद अमेरिका में नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे भारतीय और चीनी नागरिकों के पेंडिंग ऐप्लिकेशन क्लियर हो सकते हैं।
अभी एक साल में भारत के मात्र 9,800 नागरिकों को ही अमेरिका की स्थायी नागरिकता मिल पाती है जबकि हर साल ऐसे हाई स्किल्ड लोगों की संख्या बहुत ज्यादा होती है,जो काम की तलाश में अमेरिका जाते हैं। इस प्रस्तावित बिल से अन्य देशों के अप्रवासियों में हलचल मच गई है क्योंकि उन्हें लगता है कि इस बिल को भारत के पक्ष में तैयार किया गया है। आपको बता दें कि हर साल सबसे ज्यादा भारतीय H-1B और L वीजा पर अमेरिका जाते हैं। 2018 में इस बिल के खिलाफ लॉबिंग करने वाले राष्ट्रीय ईरानी-अमेरिकी परिषद (एनआईएसी) ने गुरुवार को कहा, 'हम अभी भी इसके प्रभावों के बारे में चिंतित हैं।'
इस बिल के अनुसार अमेरिका में जल्द ही हर देश के हिसाब से ग्रीन कार्ड की संख्या पर लागू सीमा को समाप्त किया जा सकता है। अमेरिका की दोनों पार्टियों (रिपब्लिकन और डेमोक्रैटिक) के ज्यादातर सांसद इस बिल के पक्ष में हैं, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इसके कानून बनने में कोई समस्या नहीं होने वाली है। सदन में कैलफर्निया के सांसद जो लॉफग्रेन (डेमोक्रैट) और लोवा से सांसद केन बक (रिब्लिकन) ने सदन में फेयरनेस ऑफ हाई स्किल्ड इमीग्रैंट्स ऐक्ट 2019 का नया वर्जन पेशन पेश किया। सदन में कमला हैरिस (डेमोक्रैट) और माइक ली (रिपब्लिकन) ने भी इसका समर्थन किया है।