अयोध्या में उद्धव, मंदिर के लिए दबाव या राजनीतिक मकसद?

अयोध्या में उद्धव, मंदिर के लिए दबाव या राजनीतिक मकसद?

अयोध्या 
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे के साथ अयोध्या पहुंच चुके हैं। रविवार को अयोध्या में राम मंदिर की मांग को लेकर वह कार्यक्रम करने वाले हैं। दावा किया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में शिवसैनिक पहुंचने वाले हैं। ऐसे में देशभर की नजरें रविवार को होने वाले इस कार्यक्रम पर टिकी हैं। राजनीतिक गलियारों में सवाल यह भी उठ रहा है कि शिवसेना इस कार्यक्रम के जरिए राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव बनाना चहती है या कोशिश उत्तर प्रदेश में राजनीतिक जमीन तलाशने की है।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिवसैनिकों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही हैं। इसके लिए खासतौर पर सुरक्षाबलों की तैनाती अयोध्या में की गई है। ऐसी भी खबरें हैं कि इस कार्यक्रम के जरिए शिवसेना प्रदेश में अपनी ताकत का प्रदर्शन भी करेगी। पार्टी ने कार्यक्रम के लिए 'पहले मंदिर, फिर सरकार' का नारा भी दिया है। 


आपको बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही रामभक्त अयोध्या पहुंचने लगे हैं। कुछ की तैयारी शनिवार और रविवार को पहुंचने की है। वीएचपी और आरएसएस ने रविवार को होने वाली धर्म सभा के लिए ढाई लाख से ज्यादा रामभक्तों को अयोध्या पहुंचाने की योजना तैयार की है। जिलों में मोहल्ले-मोहल्ले में बसें लगाई गई हैं। वहीं, शनिवार को होने वाले शिवसेना के संत सम्मान समारोह के लिए शिवसैनिकों की ट्रेन देर रात अयोध्या पहुंच गई। 


एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर आनंद कुमार का कहना है कि यूपी सरकार और जिला प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं। हमारा उद्देश्य है कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से खत्म हो और सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बने रहने का आदेश भी बना रहे। क्षेत्र में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।